आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाएंगे भारत और जर्मनी: मोदी
आईजीसी के दौरान कश्मीर स्थिति पर चर्चा नहीं की गई और सूत्रों के अनुसार, मर्केल को ‘विशेष बैठक’ के दौरान जम्मू कश्मीर पर मोदी की योजनाओं से अवगत होने का मौका मिल सकता है। मोदी ने मर्केल के सम्मान में रात्रिभोज का भी आयोजन किया।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा, कृत्रिम मेधा और ऊर्जा सुरक्षा समेत रणनीतिक क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने को लेकर जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के साथ बातचीत के बाद शुक्रवार को कहा कि भारत और जर्मनी आतंकवाद से निपटने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाएंगे। जर्मन सूत्रों ने बताया कि मर्केल ने अंतरसरकारी विचार विमर्श के बाद और मोदी के साथ ‘विशेष बैठक’ से पूर्व जर्मन मीडिया से कहा कि कश्मीर में मौजूदा स्थिति ‘‘स्थायी एवं अच्छी नहीं’’ है तथा ‘‘निश्चित ही इसे बदलने की आवश्यकता है’’।
Today’s talks with Chancellor Merkel were extensive and fruitful. We reviewed the full range of India-Germany relations.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 1, 2019
Chancellor Merkel has distinguished herself as one of the most widely respected world leaders. She is also a great friend of India’s. pic.twitter.com/92JgCnCKNL
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हालांकि, आईजीसी के दौरान कश्मीर स्थिति पर चर्चा नहीं की गई और सूत्रों के अनुसार, मर्केल को ‘विशेष बैठक’ के दौरान जम्मू कश्मीर पर मोदी की योजनाओं से अवगत होने का मौका मिल सकता है। मोदी ने मर्केल के सम्मान में रात्रिभोज का भी आयोजन किया। इस बात की तत्काल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि दोनों नेताओं की विशेष बैठक में कश्मीर मामले पर बातचीत हुई या नहीं।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब अमेरिका समेत कुछ विदेशी सांसदों ने अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के लिए अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद सरकार द्वारा लगायी पाबंदियों पर चिंता जतायी है। इससे पहले, दिन में भारत और जर्मनी के बीच अंतरिक्ष, नागर विमानन,समुद्री प्रौद्योगिकी, स्मार्ट सिटी, आयुर्वेद और शिक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में 17 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। दोनों देशों के बीच पांच संयुक्त आशय पत्र साझा किए गए। संयुक्त आशय पत्रों में सामरिक परियोजनाओं पर सहयोग, शहर में हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए भागीदारी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर अनुसंधान और विकास तथा समुद्र में कचरे को रोकने में सहयोग शामिल हैं। मोदी और मर्केल ने शुकवार को पांचवें भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विमर्श (आईजीसी) की सह-अध्यक्षता की। दोनों नेताओं ने अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान को संदेश देते हुए सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि उनकी सरजमीं का इस्तेमाल अन्य देशों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में न किया जाए।
मोदी ने मर्केल के साथ संयुक्त मीडिया सम्मेलन में एक बयान में कहा, ‘‘हम आतंकवाद और चरमपंथ जैसे खतरों से निपटने के लिये द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग मजबूत करेंगे।’’ मोदी और मर्केल की वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया गया और ‘‘वैश्विक समस्या’’ से निपटने में मजबूत अंतरराष्ट्रीय साझेदारी का आह्वान किया गया।
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इसमें सभी देशों से आतंकवादियों की पनाहगाह और बुनियादी ढांचा खत्म करने, आतंकवादी नेटवर्कों तथा वित्त पोषण को तोड़ने तथा आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियों को रोकने का आह्वान किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जर्मनी को उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने के लिये आमंत्रित किया गया है। उन्होंने भारत और जर्मनी के बीच हर क्षेत्र खासतौर से नवीन एवं उन्नत प्रौद्योगिकी में ‘‘सामरिक सहयोग’’ मजबूत करने की भी प्रशंसा की।
मर्केल ने अपने बयान में कहा कि 5जी और कृत्रिम मेधा के क्षेत्र एक चुनौती हैं, इन पर साथ काम करना महत्वपूर्ण है। व्यापार संबंधों को और गहरा करने पर जोर देते हुए मर्केल ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि हमारे आर्थिक संबंध बढ़े हैं लेकिन ये और मजबूत हो सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेक इन इंडिया ऐसा प्रयास है जिसे हम तब समझ गए थे जब भारत हनोवर मेले में मेजबान देश था, हमने देखा कि आप अपने इस लक्ष्य को लेकर गंभीर हैं।’’ प्रधानमंत्री ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों और निर्यात नियंत्रण शासन पद्धति में नयी दिल्ली की सदस्यता का प्रचार करते हुए जर्मनी के सहयोग के लिए भारत की ओर से सराहना व्यक्त की।
मोदी ने कहा, ‘‘साल 2022 में स्वतंत्र भारत को 75 साल हो जाएंगे। हमारा लक्ष्य तब तक नये भारत के निर्माण का है। प्रौद्योगिकी और आर्थिक शक्ति जर्मनी जैसे देशों की क्षमताएं भारत की प्राथमिकताओं के लिए उपयोगी होंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अत: हमने नवीन एवं उन्नत प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमता कौशल, शिक्षा और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर खास जोर दिया है। हमने ई-मोबिलिटी, स्मार्ट शहर, नदियों की सफाई और पर्यावरण संरक्षण पर सहयोग की संभावनाएं तलाशने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन क्षेत्रों में हमारा सहयोग जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संयुक्त प्रयासों में भी मददगार होगा।’’
मोदी ने कहा कि भारत और जर्मनी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों को तेज करने पर सहयोग जारी रखेंगे। भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आयी जर्मन चांसलर ने कहा कि ये समझौते साबित करते हैं कि दोनों देशों के बीच संबंध नवीन और उन्नत तकनीक के क्षेत्रों में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में शामिल होकर हमें खुशी होगी जिन पर भारत विचार कर रहा है।’’
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