भारत और मंगोलिया न केवल रणनीतिक साझेदार बल्कि आध्यात्मिक पड़ोसी भी : कोविंद

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[email protected] । Sep 21 2019 12:33PM

बटुल्‍गा के दौरे से भारत और मंगोलिया के बीच संबंधों के नये आयाम तक पहुंचने का भरोसा जताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत मंगोलिया के साथ अपने घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को बहुत महत्व देता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम न केवल रणनीतिक साझेदार हैं, बल्कि हमारी साझा बौद्ध विरासत से जुड़े हम आध्यात्मिक पड़ोसी भी हैं।’’

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत और मंगोलिया न केवल ‘‘रणनीतिक साझेदार’’ हैं बल्कि साझा बौद्ध विरासत से जुड़े हम ‘‘आध्यात्मिक पड़ोसी’’ भी हैं। मंगोलिया के राष्ट्रपति खाल्‍तमागिन बटुल्‍गा ने यहां कोविंद से शुक्रवार को मुलाकात की। कोविंद ने मंगोलियाई राष्ट्रपति का यहां राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया और उनके सम्मान में भोज दिया। राष्ट्रपति ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि पिछले दस साल में यह पहला मौका है जब मंगोलिया के राष्ट्रपति का यहां आगमन हुआ है। बटुल्‍गा के दौरे से भारत और मंगोलिया के बीच संबंधों के नये आयाम तक पहुंचने का भरोसा जताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत मंगोलिया के साथ अपने घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को बहुत महत्व देता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम न केवल रणनीतिक साझेदार हैं, बल्कि हमारी साझा बौद्ध विरासत से जुड़े हम आध्यात्मिक पड़ोसी भी हैं।’’ 

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कोविंद ने कहा कि भारत और मंगोलिया के बीच संबंध अब, बुनियादी ढांचे, अंतरिक्ष और डिजिटल संपर्क जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों के बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, आपदा प्रबंधन, खनन एवं पशुपालन विभाग जैसे क्षेत्र में भी दोनों पक्ष सहयोग कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के दावे का मंगोलिया की ओर से किये जा रहे लगातार समर्थन की राष्ट्रपति ने सराहना की। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने के मंगोलिया के निर्णय का स्वागत करते हुए कोविंद ने कहा कि इससे अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में तथा जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए द्विपक्षीय भागीदारी मजबूत होगी। उन्होंने कहा, ‘‘लोग-से-लोगों के सदियों पुराने संपर्क हमारे संबंधों का आधार रहे हैं। भारत के बौद्ध भिक्षु और व्यापारी शांति, सद्भाव और मित्रता के संदेश के साथ मंगोलिया गए।’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इसी तरह, समय के साथ, मंगोलियाई विद्वान और तीर्थयात्री बौद्ध अध्ययन और अध्यात्म की खोज में भारत आए। यह परंपरा आज भी जारी है।’’कोविंद ने कहा, ‘‘भारत, मंगोलिया की सरकार तथा वहां के लोगों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि दोनों तरफ की समृद्धि के लिए हमारी रणनीतिक भागीदारी को और मजबूत तथा विस्तारित किया जा सके।’’

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