भारत दुनिया में सबसे तेज राजमार्ग विकास करने वाला देश: वित्तमंत्री

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[email protected] । Feb 1 2019 8:14PM

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए आधारभूत ढांचा क्षेत्र को किसी भी देश के विकास की रीढ़ करार दिया।

नयी दिल्ली। भारत दुनिया में राजमार्ग निर्माण में सबसे तीव्र गति से विकास वाला देश बन गया है और यहां हर रोज औसतन 27 किमी राजमार्गों का निर्माण हो रहा है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को यह बात कही और भारत को रेलवे, जलमार्ग, हवाई मार्ग और डिजिटल संपर्क समेत परिवहन आधारभूत ढांचा क्षेत्र में गुणात्मक छलांग लगाने को तैयार बताया।

गोयल ने लोकसभा में 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए आधारभूत ढांचा क्षेत्र को किसी भी देश के विकास की "रीढ़" करार दिया और कहा कि भारत अगले आठ वर्षों में 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होने की आकांक्षा रखता है, और अगली पीढ़ी का बुनियादी ढांचा देने के रास्ते पर अग्रसर है चाहे सड़क हो, रेलवे, बंदरगाह, हवाई अड्डे, शहरी परिवहन, गैस और बिजली का संचरण तथा अंतर्देशीय जलमार्ग का क्षेत्र हो।

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गोयल ने असम और अरुणाचल प्रदेश के बोगीबील ब्रिज तथा दिल्ली के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे जैसी दशकों से अटकी परियोजनाओं को पूरा करने का श्रेय अपनी सरकार को देते हुए, कहा कि भारत पूरी दुनिया में राजमार्गों का सबसे तेज विकास करने वाला देश है, जहां हर दिन 27 किमी राजमार्ग बन रहा है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बजट को "ऐतिहासिक, क्रांतिकारी" और "गरीबों, किसानों और मध्यम वर्ग" का बजट करार देते हुए कहा कि इससे 40 से 50 करोड़ लोगों को सीधा लाभ होगा। उन्होंने कहा कि राजमार्ग क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाकर लगभग 83,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है और बजट में बुनियादी ढांचे की बढ़ती जरूरतों का ख्याल रखा गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बजट के लिए बधाई देते हुए, गडकरी ने कहा कि यह "न्यू इंडिया" के लिए है। विमानन पर, गोयल ने कहा कि 'उड़ान योजना' के कारण, एक सामान्य नागरिक भी हवाई यात्रा कर रहा है और सिक्किम के पाक्योंग हवाई अड्डे के चालू होने के साथ परिचालन वाले हवाई अड्डों की संख्या 100 को पार कर गई है। उन्होंने कहा कि घरेलू यात्री यातायात पिछले पांच वर्षों के दौरान दोगुना हो गया है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार भी पैदा हो रहे हैं। सरकार की महत्वाकांक्षी सागरमाला पहल का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत, ‘ब्लू’ अर्थव्यवस्था की संभावनाओं के दोहन के साथ अपनी लंबी तटरेखा क्षेत्र के जरिये तटीय भूभाग में रहने वाली बड़ी आबादी को बेहतर जीवन और उसकी बेहतर गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की क्षमता रखता है।

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मंत्री ने कहा कि सागरमाला कार्यक्रम में हमारे प्रयासों को बढ़ाया जाएगा और हम अन्य अंतर्देशीय जलमार्गों को तेजी से विकसित करेंगे।" मंत्री ने कहा कि "पहली बार, कोलकाता से वाराणसी तक अंतर्देशीय जलमार्ग पर कंटेनर माल ढुलाई का आवागमन शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार जलमार्ग विकसित करने के दौरान ब्रह्मपुत्र नदी की नौवहन क्षमता में सुधार के साथ-साथ उत्तर पूर्व में कंटेनर कार्गो आवागमन की शुरूआत करेगी। जहां तक भारतीय रेलवे का संबंध है, उन्होंने कहा कि इसने अपने इतिहास में सबसे सुरक्षित वर्ष का अनुभव किया है और बड़ी लाईन नेटवर्क पर सभी मानव रहित क्रॉसिंग को समाप्त कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि पहली स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित अर्ध उच्च गति वंदे भारत एक्सप्रेस को शुरू करने से भारतीय यात्रियों को गति, सेवा और सुरक्षा के साथ विश्व स्तर का अनुभव प्राप्त होगा। हमारे इंजीनियरों द्वारा पूर्ण विकसित प्रौद्योगिकी में यह बड़ी छलांग, ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को गति देगी और रोजगार सृजन होगा। वर्ष 2019-20 में रेलवे के लिए बजट से 64,587 करोड़ रुपये का पूंजी समर्थन प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि रेलवे का कुल पूंजीगत व्यय कार्यक्रम 1,58,658 करोड़ रुपये का है। उत्तर पूर्व में बुनियादी ढांचे का उल्लेख करते हुए, मंत्री ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हाल ही में हवाई मानचित्र पर आया है तथा मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम पहली बार भारत के रेल मानचित्र पर आए हैं।

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वर्ष 2018-19 के मुकाबले वर्ष 2019-20 में पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लिए आवंटन 21 प्रतिशत बढ़कर 58,166 करोड़ रुपये हो गया। डिजिटल कनेक्टिविटी सहित गांवों में डिजिटल बुनियादी ढांचे पर जोर देते हुए उन्होंने घोषणा की कि सरकार अगले पांच वर्षों में एक लाख गांवों को डिजिटल गांवों का रूप देगी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के बारे में मंत्री ने कहा कि ग्रामीण सड़कों के निर्माण की गति तीन गुना बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि कुल 17.84 लाख बस्तियों में से 15.80 लाख बस्तियां पहले ही पक्की सड़कों से जुड़ चुकी हैं और बाकी को भी जल्द जोड़ने के लिए काम चल रहा है।

उन्होंने कहा कि एक समय था जब कोई बच्चा पगडंडी के रास्ते चलकर स्कूल पहुंचता था, आज स्थिति बदल गई है और अब बस उसके दरवाजे या उसके गांव तक पहुंच सकती है। वर्ष 2014-18 की अवधि के दौरान, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल 1.53 करोड़ घर बनाए गए हैं।

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