पूर्व सैन्य अधिकारी का दावा, भारत ने पाकिस्तान की परमाणु धमकी का दो बार दिया जवाब

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[email protected] । Oct 3 2019 9:01PM

सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अमित शर्मा एवं मेजर जनरल ध्रुव सी कटोच ने कहा कि 2016 में उरी स्थित भारतीय सेना के ठिकाने पर हुए हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और इस साल बालाकोट हवाई हमले एवं ‘भारतीय मानसिकता’ में बदलाव पाकिस्तान की परमाणु धमकी से मुकाबले का साधन बना।

नयी दिल्ली। भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि भारत को सीमा के नजदीक छिपे आतंकवादियों पर कार्रवाई से रोकने के लिए पाकिस्तान परमाणु हथियार को ‘ तुरुप के पत्ते’ की तरह से इस्तेमाल करता आ रहा था लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट हवाई हमले के बाद इसमें बदलाव आया है। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अमित शर्मा एवं मेजर जनरल ध्रुव सी कटोच ने कहा कि 2016 में उरी स्थित भारतीय सेना के ठिकाने पर हुए हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और इस साल बालाकोट हवाई हमले एवं ‘भारतीय मानसिकता’ में बदलाव पाकिस्तान की परमाणु धमकी से मुकाबले का साधन बना। उन्होंने यह टिप्पणी ‘ द बिगुल कॉल्स : ए लाइफ इन द इंडियन आर्मी’ किताब के लोकार्पण के मौके पर की जिसको सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल नरेश रस्तोगी और पूर्व राजनयिक किरण दोषी ने लिखा है। 

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मेजर जनरल कटोच ने कहा, ‘राजनीतिक प्राधिकार के पूरे समर्थन के साथ की गयी सर्जिकल स्ट्राइक हमारे दृष्टिकोण में नाटकीय बदलाव को रेखांकित करती है।’ उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर सारा खेल बदल गया था। संदेश बहुत साफ था, आप जो भी करें लेकिन हम (भारत) परमाणु धमकियों से विचलित नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान की धमकी का सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमले से दो बार जवाब दिया। भारत द्वारा अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की परमाणु युद्ध की धमकी को लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने बचकाना और अस्थिर सोच करार देते हुए कहा कि यह कश्मीर पर दुनिया का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश है।

वर्ष 2014 में रणनीतिक बलों के कमान के प्रमुख रहे शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व का संपूर्ण अस्तित्व कश्मीर पर निर्भर है लेकिन अनुच्छेद-370 खत्म करने के बाद उसे सूझ नहीं रहा कि क्या करे। अब वे दुनिया को परमाणु हथियारों का डर दिखाकर कोशिश कर रहे हैं कि विश्व भारत के खिलाफ कुछ करे। किताब के हवाले से एक पाकिस्तानी और एक भारतीय सेना के अधिकारी के बीच की बातचीत की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारी ने भारतीय अधिकारी को कहा कि भारतीय बल्लेबाज की तरह हैं जो हर समय हमें रोक देते हैं और हम गेंदबाज की तरह हैं जो केवल एक बार पार पाते हैं।

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उन्होंने कहा कि यह लंबे समय से पाकिस्तानी मानसिकता थी कि वे भारत को आतंकवादियों पर कार्रवाई से रोकने के लिए परमाणु हथियार की धमकी को ‘तुरुप के पत्ते की तरह इस्तेमाल करते थे लेकिन अब नहीं। उन्होंने कहा कि बालाकोट और उरी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इस मानसिकता में बदलाव आया है। शर्मा ने कहा कि हम अब बल्लेबाज से गुगली गेंदबाज बन गए हैं। आज हम आक्रमक हैं, हमारे पास आक्रामक सरकार है। भारत की पहले परमाणु हथियार इस्तेमाल नहीं करने की नीति पर पूछने पर मेजर जनरल कटोच ने नीति की दूसरी पंक्ति को रेखांकित करते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट है कि बड़े पैमाने पर प्रतिकार किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि भारत परमाणु हथियारों का इस्तेमाल पहले नहीं करेगा लेकिन हमला होने पर वास्तविक सिद्धांत सामने आता है और वह है बड़े स्तर पर प्रतिक्रिया और प्रतिकार। मैं समझता हूं कि लोगों को यह सबक नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में वास्तव में परमाणु हमले की धमकी पर आगे बढ़ने की क्षमता नहीं है। कटोच ने चेतावनी दी, अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो नतीजे घातक होंगे और उसका नामोनिशान मिट जाएगा। 

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