भारत आज खुद को ‘‘विश्व मित्र’’ के रूप में स्थापित कर रहा है: जयशंकर
जयशंकर ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश के लिए मित्रता विकसित करना कभी आसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि भावनात्मक पहलू साझा अनुभवों से आता है और ‘ग्लोबल साउथ’ के संबंध में इसे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत आज स्वयं को ‘‘विश्व मित्र’’ के रूप में स्थापित कर रहा है। यहां एक पुस्तक विमोचन के मौके पर अपने संबोधन में जयशंकर ने यह भी कहा कि‘‘हम अधिक से अधिक लोगों के साथ मित्रता करना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि इससे जाहिर तौर पर भारत के प्रति सद्भावना और सकारात्मकता पैदा होती है। उन्होंने कहा कि यह देश द्वारा वैश्विक भलाई में दिए जा रहे बढ़ते योगदान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ उसके करीबी जुड़ाव में परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि अंतिम विश्लेषण में मित्र ‘‘हमेशा प्रगति पर काम करते हैं’’।
जयशंकर ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश के लिए मित्रता विकसित करना कभी आसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि भावनात्मक पहलू साझा अनुभवों से आता है और ‘ग्लोबल साउथ’ के संबंध में इसे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। जयशंकर ने कहा, ‘‘मित्रताएं विशिष्ट नहीं होतीं, विशेषकर बहुध्रुवीय विश्व में।’’ उन्होंने कई देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों का भी हवाला दिया।
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