भारत दुनिया में दूध उत्पादन में अग्रणी बना हुआ है: बालियान

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[email protected] । Jun 28 2019 5:51PM

मंत्री ने बताया ‘‘चूंकि दूध बहुत ही जल्दी खराब होने वाला पदार्थ है, इसलिए डेरी विभाग का देश में दूध के लिए एमएसपी निर्धारित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।’’ एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने यह भी बताया कि हालिया वर्षों में दूध का उत्पादन बढ़ा है। वर्ष 2013-14 में दूध का वार्षिक उत्पादन 13.76 करोड़ टन था जो 2017-18 में बढ़ कर 17.63 करोड़ टन हो गया।

नयी दिल्ली। सरकार ने कहा है कि देश में हालिया वर्षों में दूध का उत्पादन बढ़ा है तथा दूध के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। पशुपालन एवं डेरी राज्य मंत्री डॉ संजीव कुमार बालियान ने शुक्रवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत दुनिया में दूध उत्पादन में अग्रणी बना हुआ है। बालियान ने बताया ‘‘डेरी विभाग देश में दूध की कीमतों को विनियमित नहीं करता। उत्पादन की लागत के आधार पर कीमतें सहकारिता तथा निजी डेरियां तय करती हैं।’’

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मंत्री ने बताया ‘‘चूंकि दूध बहुत ही जल्दी खराब होने वाला पदार्थ है, इसलिए डेरी विभाग का देश में दूध के लिए एमएसपी निर्धारित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।’’ एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने यह भी बताया कि हालिया वर्षों में दूध का उत्पादन बढ़ा है। वर्ष 2013-14 में दूध का वार्षिक उत्पादन 13.76 करोड़ टन था जो 2017-18 में बढ़ कर 17.63 करोड़ टन हो गया। 

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डॉ बालियान ने बताया कि समय समय पर राज्य सरकारें दूध की गुणवत्ता की जांच कर उसमें मिलावट आदि का पता लगाती हैं। एफएसएसएआई को भी दूध में मिलावट की शिकायतें मिली हैं। राज्य सरकारों से मिली सूचना के अनुसार, विश्लेषित दूध के कई नमूने मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए। वर्ष 2017-18 के दौरान दूध के 10,663 नमूनों का विश्लेषण किया गया। इनमें से 3783 नमूने मिलावटी और गलत ब्रांड के पाए गए। इस संबंध में 2504 मामले दर्ज किए गए और 1006 मामलों में दोषसिद्धि हुई। कुल 1569 मामलों में 3,04,02550 रुपये का जुर्माना लगाया गया।

 

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