भारत, रूस ने अफगान नीत शांति प्रक्रिया का समर्थन किया: डिप्टी एनएसए

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[email protected] । Nov 14 2018 6:36PM

उप राष्ट्रीय सुरक्षा सुलाहकार (डिप्टी एनएसए) पंकज सरन ने बुधवार को कहा कि अफगान नीत और स्वयं अफगान द्वारा चलाई जाने वाली शांति प्रक्रिया को पूरा करने की दिशा में अफगानिस्तान सरकार की कोशिशों का भारत और रूस ने समर्थन किया है।

नयी दिल्ली। उप राष्ट्रीय सुरक्षा सुलाहकार (डिप्टी एनएसए) पंकज सरन ने बुधवार को कहा कि अफगान नीत और स्वयं अफगान द्वारा चलाई जाने वाली शांति प्रक्रिया को पूरा करने की दिशा में अफगानिस्तान सरकार की कोशिशों का भारत और रूस ने समर्थन किया है। मास्को में गैर आधिकारिक क्षमता के साथ पिछले हफ्ते शुक्रवार को एक बैठक में भारत के शरीक होने के कुछ दिनों बाद सरन की यह टिप्पणी आई है। इस बैठक में तालिबान के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। ‘‘इंडिया काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स -- रूस इंटरनेशनल अफेयर्स काउंसिल’’ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दौर में मुख्य भाषण देते हुए सरन ने कहा कि भारत और रूस ने एक दूसरे से अफगानिस्तान के विषय पर मशविरा किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के विषय पर मास्को (बैठक) में गैर आधिकारिक स्तर पर भाग लिया था। भारत और रूस, दोनों ही देशों ने अफगान नीत और स्वयं अफगान सरकार द्वारा चलाई जाने वाली शांति एवं सुलह प्रक्रिया के प्रति अफगान सरकार की कोशिशों का समर्थन किया है। भारत ने अफगानिस्तान में शांति वापस लाने के लिए सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन की मेजबानी रूस ने की थी। इसमें तालिबान और पाकिस्तान, चीन, ईरान सहित कई देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मास्को में बहुपक्षीय सम्मेलन शुरू होने के कुछ ही घंटों बाद भारत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि उसकी भागीदारी उसकी अफगानिस्तान नीति के अनुरूप है। साथ ही जोर देते हुए कहा था कि इन बैठकों में शरीक होने का मतलब तालिबान से कहीं से भी बात करना नहीं है। सम्मेलन से इतर हुई बैठक के बारे में पूछे जाने पर भारत में नियुक्त रूसी राजदूत निकोलय कुदाशेव ने यहां कहा कि किसी भी स्तर पर भारत की भागीदारी का स्वागत है। ।

सरन ने ‘‘बदलती विश्व व्यवस्था में रूस - भारत संबंध के रणनीतिक दृष्टिकोण’’ विषय पर अपने संबोधन में भारत - रूस संबंधों में आर्थिक पहलू को बढ़ाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारत और रूस रक्षा, अंतरिक्ष और परमाणु जैसे सहयोग के पारंपरिक क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने के अलावा रेलवे, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष एवं बुनियादी ढांचा जैसे सहयोग के नये क्षेत्र तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत - रूस संबंध हाल के बरसों में प्रगाढ़ हुए हैं। इस साल के आखिर में और भी उच्च स्तरीय बैठकें होने की उम्मीद है। यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय अंतरिक्ष यात्री एक रूसी यान से अंतरिक्ष में जाएगा, रूसी राजदूत ने कहा कि राकेश शर्मा ने अतीत में ऐसा किया था और इसमें कोई समस्या नहीं है कि कोई व्यक्ति अंतरिक्ष में फिर से रूसी यान में जाए, या फिर संयुक्त रूप से विकसित किए गए यान में जाए। सरन ने कहा कि भारत में कुल रूसी निवेश 16 अरब डॉलर का है। उन्होंने कहा कि प्रथम रणनीतिक आर्थिक वार्ता या आर्थिक मंच नीति आयोग और रूस के आर्थिक विकास मंत्रालय के तहत होने जा रहा है। 

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