बढ़ रही है भारत की ताकत, मित्र देशों को कर रहा रक्षा उपकरणों का निर्यात

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[email protected] । Aug 10 2019 5:20PM

भारतीय तटरक्षक के लिए गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा निर्मित तीव्र गश्ती पोत (एफपीवी) का जलावतरण करने के बाद कुमार ने कहा, ‘‘हम साजो सामान संबंधी हर चीज का निर्यात कर रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा ‘कंपोनेंट’ स्तर पर बढ़ोतरी हुई है।’’

कोलकाता। भारत मित्र देशों को रक्षा उपकरणों का निर्यात बढ़ाने पर जोर दे रहा है और कुछ मध्य एशियाई देशों से इन उपकरणों के लिए उसे अनुरोध मिला है। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय के अंतर्गत रक्षा उत्पादन विभाग के सचिव अजय कुमार ने कहा कि भारत पहले से ही मित्र देशों को रक्षा उपकरणों का निर्यात कर रहा है। इसमें अमेरिका, दक्षिण एशिया और अफ्रीका सहित विभिन्न देश शामिल हैं। 

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उन्होंने कहा कि भारत ने 2018-19 में 80,000 करोड़ रुपये के रक्षा संबंधी उपकरणों का उत्पादन किया। इसमें से 11,000 करोड़ रुपये के उपकरणों का निर्यात किया गया। भारतीय तटरक्षक के लिए गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा निर्मित तीव्र गश्ती पोत (एफपीवी) का जलावतरण करने के बाद कुमार ने कहा, ‘‘हम साजो सामान संबंधी हर चीज का निर्यात कर रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा ‘कंपोनेंट’ स्तर पर बढ़ोतरी हुई है।’’

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उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा उत्पादन इकाइयों द्वारा बनाये गए सभी तरह के उपकरणों का दुनियाभर में बड़ी और नामी कंपनियां खरीदारी कर रही हैं। कुमार ने कहा कि देश में युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और प्रशिक्षण देने वाले विमानों का निर्माण हो रहा है और इसके लिए हमेशा अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का प्रयास किया जाता है।

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