भारत-अमेरिका ने पाक तथा रणनीतिक महत्व के मुद्दों पर चर्चा की
भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद और रणनीतिक महत्व के अन्य मुद्दों के साथ-साथ नयी दिल्ली के साथ वाणिज्यिक हितों पर आज चर्चा की।
भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद और रणनीतिक महत्व के अन्य मुद्दों के साथ-साथ नयी दिल्ली के साथ वाणिज्यिक हितों पर आज चर्चा की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद निरोध के क्षेत्र में काफी कुछ किए जाने की गुंजाइश है। दूसरे भारत-अमेरिका रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता (एसएंडसीडी) के दौरान दोनों पक्षों ने ऊर्जा और व्यापार और कारोबार के महत्वपूर्ण क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा की।
इसकी सह अध्यक्षता विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ-साथ अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेनी प्रित्जकर ने की। सह अध्यक्षों के साथ उच्चस्तरीय इंटर-एजेंसी प्रतिनिधिमंडल भी था।
अपनी शुरूआती टिप्पणी में स्वराज ने आतंकवाद निरोध के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘काफी कुछ किए जाने की गुंजाइश है।’’ द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा सुरक्षा स्थिति समेत महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर ठोस चर्चा हुई। उन्होंने द्विपक्षीय वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाने के दौरान कंपनियों की आकांक्षाओं और हितों का खयाल रखने की आवश्यकता पर भी बल दिया। अपनी तरफ से केरी ने गौर किया कि दोनों देशों ने रक्षा, ऊर्जा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अपने सहयोग को प्रगाढ़ किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका साइबर ढांचे को अंतिम रूप देने को उत्सुक है, जो दोनों देशों की नये वैश्विक साइबर खतरों से रक्षा में मदद करेगा। उन्होंने साथ ही कहा कि अमेरिका चाहेगा कि उसका भारत के साथ असैन्य परमाणु सहयोग रिएक्टरों को स्थापित करने में साकार हो, जो भारतीय घरों में भरोसेमंद बिजली आपूर्ति करेगा। वाणिज्यिक मोर्चे पर व्यापार करने को आसान बनाना और वीजा व्यवस्था समेत व्यापारिक संबंधों के अन्य पहलुओं पर चर्चा की गई। दोनों देशों के बीच दोतरफा कारोबार पिछले साल तकरीबन 109 अरब डॉलर का था।
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