भारतीय अर्थव्यवस्था सभी मानकों पर मजबूत स्थिति में: उपराष्ट्रपति
नायडू ने वाणिज्य और उद्योग क्षेत्र के संगठन एसोचैम द्वारा आयोजित जेआरडी टाटा स्मृति व्याख्यान समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि देश की अर्थव्यवस्था अपने सभी मूल मानकों पर मजबूत स्थिति में है।
नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के सभी मानक मजबूत स्थिति में हैं और केन्द्र सरकार की विभिन्न आर्थिक सुधारों के बारे में प्रतिबद्धता को देखते हुये अगले दस साल में दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने की भारत की क्षमता संदेह से परे है।
यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे देश का कद विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ा है। भले ही यह आर्थिक क्षेत्र हो या भू सामरिक, रक्षा, विज्ञान एवं तकनीक का क्षेत्र हो या अंतरिक्ष विज्ञान एवं IT का क्षेत्र, विश्व ने भारतीय प्रतिभा का लोहा माना है। pic.twitter.com/P49lzcz89k
— Vice President of India (@VPSecretariat) November 11, 2019
नायडू ने वाणिज्य और उद्योग क्षेत्र के संगठन एसोचैम द्वारा आयोजित जेआरडी टाटा स्मृति व्याख्यान समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि देश की अर्थव्यवस्था अपने सभी मूल मानकों पर मजबूत स्थिति में है। नायडू ने यह बात ऐसे समय कही है जब विपक्षी दल देश की अर्थव्यवस्था के मंदी की चपेट में होने के आधार पर आर्थिक संकट की स्थिति होने का दावा कर रहे हैं। नायडू ने सभी क्षेत्रों में सुधार और विकास की तीव्र गति का जिक्र करते हुये कहा, ‘‘ यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे देश का कद विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ा है। भले ही यह आर्थिक क्षेत्र हो या भू-सामरिक, रक्षा, विज्ञान एवं तकनीक का क्षेत्र हो या अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी का क्षेत्र, विश्व ने भारतीय प्रतिभा का लोहा माना है।’’
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उपराष्ट्रपति ने हालांकि विकास की गति से प्रत्येक नागरिक के जीवन में बेहतरी आने की जरूरत पर बल देते हुये कहा, ‘‘भारत के उत्थान से आशय प्रत्येक भारतीय के जीवन स्तर में बेहतरी आने से है। इसके फलस्वरूप न सिर्फ कारोबार करना आसान होना चाहिये बल्कि जीवन यापन भी सरल और सुगम होना चाहिये।’’ नायडू ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में जेआरडी टाटा के अग्रणी योगदान का जिक्र करते हुये कहा, ‘‘टाटा, न सिर्फ भारतीय उद्योग जगत के अगुवा थे बल्कि, वह दूरदर्शी नेतृत्व की प्रतिभा के भी धनी थे, जिन्होंने उभरते भारत का सपना देखा और विभिन्न माध्यमों से राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान किया, जिसकी बदौलत ही उन्होंने देश में उद्यमशीलता की भावना का प्रसार किया।’’
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