Vanakkam Poorvottar: लौटती शांति के बीच Manipur CM ने अवैध आव्रजन के प्रति सतर्क रहने की दी सलाह

मणिपुर के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘समान विकास और आपसी सम्मान के बिना हम साथ-साथ नहीं रह सकते। घाटी में उपलब्ध हर सुविधा पहाड़ी लोगों को भी मिलनी चाहिए। केवल समान विकास और आपसी सम्मान से ही मजबूत मणिपुर और अखंड भारत का निर्माण हो सकता है।’’
मणिपुर में लौटती शांति के बीच मुख्यमंत्री बिरेन सिंह लोगों से लगातार पुरानी बातें भूलने और जिंदगी को नये सिरे से शुरू करने की अपील कर रहे हैं। उनकी अपील का असर होता भी दिख रहा है। साथ ही मुख्यमंत्री लोगों से अवैध आव्रजन के प्रति सावधान रहने के लिए भी कह रहे हैं क्योंकि घुसपैठियों के चलते ही राज्य का माहौल बिगड़ा। हम आपको बता दें कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने कहा है कि राज्य के मूल समुदाय को अवैध आव्रजन के प्रति ‘बहुत सतर्क’ रहने की जरूरत है। बिरेन सिंह ने तामेंगलोंग जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार बिना किसी भेदभाव के राज्य के हर समुदाय का ध्यान रखती है। उन्होंने कहा, ‘‘असम और त्रिपुरा में अवैध प्रवासियों और रोहिंग्याओं के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर हम उचित तरीके से जांच नहीं करेंगे तो हम असुरक्षित हो जाएंगे। हम मूल निवासियों को बहुत सावधान रहना चाहिए। हमारी परवाह करने वाला कोई नहीं है। सीमा पर कोई बाड़ नहीं है और न ही कोई सीमा सुरक्षा है। यहां तक कि अब भी इसकी (सीमा की) उचित देखभाल नहीं की जा रही है।’’ बिरेन सिंह ने कहा कि समुदायों के बीच विश्वास और सम्मान की कमी ने राज्य में अनिश्चितता पैदा कर दी है। उन्होंने कहा, ‘‘समान विकास और आपसी सम्मान के बिना हम साथ-साथ नहीं रह सकते। घाटी में उपलब्ध हर सुविधा पहाड़ी लोगों को भी मिलनी चाहिए। केवल समान विकास और आपसी सम्मान से ही मजबूत मणिपुर और अखंड भारत का निर्माण हो सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सात-आठ वर्षों के शासन के दौरान, दो साल कोविड की भेंट चढ़ गए और दो साल मौजूदा संघर्ष की भेंट चढ़ गए। हमें काम करने के लिए मुश्किल से तीन साल मिले।''
इससे एक दिन पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री ने कहा था कि हर गलतफहमी को मिल बैठकर चर्चा से दूर किया जाना चाहिए और राज्य की सभी मान्यता प्राप्त जनजातियों को एक साथ रहना चाहिए। उन्होंने 53वें राज्य स्थापना दिवस समारोह में कहा था कि अब हम अप्रासंगिक मामलों पर उलझना या बोलना बंद करें और मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिशों को रोकें। हम आपको याद दिला दें कि मणिपुर को 21 जनवरी 1976 को पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हर गलतफहमी को मिल-बैठकर चर्चा से सुलझाया जाना चाहिए। आइए अप्रासंगिक मामलों पर उलझना या बोलना बंद करें और मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिशों को रोकें। हमने (राज्य सरकार) जो कहा था वह अवैध प्रवासियों की उचित पहचान करने और उन्हें बाहर भेजने के बारे में था। हमने राज्य के किसी भी पुराने निवासी के खिलाफ कभी कुछ भी नहीं कहा। सभी मान्यता प्राप्त जनजातियों को एक साथ रहने की जरूरत है।’’ बिरेन सिंह ने कहा, ‘‘भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए पूर्ण रूप से अक्षुण्ण राज्य सौंपने के लिए काम कर रही है।’’
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साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में भाजपा नीत सरकार समावेशी विकास में विश्वास रखती है और कल्याणकारी परियोजनाओं को आवंटित करते समय पहाड़ी और घाटी जिलों के बीच कोई भेदभाव नहीं करती। मुख्यमंत्री ने कहा, “भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार विकास परियोजनाओं को आवंटित करने में पहाड़ी और घाटी के बीच भेदभाव नहीं करती। हम समावेशी विकास में विश्वास रखते हैं। जब हम एक-दूसरे के प्रति सम्मान दिखाते हैं, तो एकता का बंधन मजबूत होता है।” बिरेन सिंह ने पहाड़ी क्षेत्र के कामजोंग जिले में पिछले सात वर्षों के दौरान किए गए कुछ प्रमुख कार्यों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि जिले में एक लघु सचिवालय का निर्माण पूरा हो चुका है और जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उखरुल जिले में पानी की कमी की समस्या के समाधान के लिए शिरोय पहाड़ी पर एक बांध का निर्माण किया गया है और इसके लिए करीब छह करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। मुख्यमंत्री ने लोगों को यह भी आश्वासन दिया कि सरकार रिहा गांव के लुंगरेइफुंग मैदान में करीब 2.5 करोड़ रुपये की लागत से एक गैलरी का निर्माण कराएगी।
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