समान नागरिक संहिता से सभी की रक्षा होगी, जिन्हें संदेह है , वे विचलित न हों: Indresh Kumar

Indresh Kumar
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वह यहां माणिकचंद पहाड़े विधि महाविद्यालय द्वारा यूसीसी पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में हिस्सा लेने से पहले पत्रकारों से बात कर रहे थे। यूसीसी समूचे भारत के लिए एक कानून की वकालत करती है जो शादी, तलाक, उत्तराधिकार एवं गोद लेने जैसे मामलों में सभी धार्मिक समुदायों पर लागू होगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता इंद्रेश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) सभी की रक्षा करेगी, उनका सम्मान करेगी एवं उन्हें स्वीकार करेगी तथा जिन्हें इस पर संदेह है, उन्हें विचलित नहीं होना चाहिए। वह यहां माणिकचंद पहाड़े विधि महाविद्यालय द्वारा यूसीसी पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में हिस्सा लेने से पहले पत्रकारों से बात कर रहे थे। यूसीसी समूचे भारत के लिए एक कानून की वकालत करती है जो शादी, तलाक, उत्तराधिकार एवं गोद लेने जैसे मामलों में सभी धार्मिक समुदायों पर लागू होगा।

कुमार ने कहा, ‘‘ समान नागरिक संहिता सभी की रक्षा करेगी , उनका सम्मान करेगी एवं उन्हें स्वीकार करेगी तथा जिन्हें इस पर संदेह है, उन्हें विचलित नहीं होना चाहिए।बल्कि, उन्हें सभी को समझने का प्रयास करना चाहिए। देश में इतने सारे धर्म हैं और उन सभी को इससे (यूसीसी से) सम्मान मिलेगा।’’ उन्होंने कहा कि यूसीसी को लेकर डर का भाव पैदा कर रहे लोगों को देश को गलत रास्ते पर नहीं ले जाना चाहिए तथा लोगों को आपस में नहीं लड़वाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ किसी देश का विकास भाईचारे पर टिका होता है। यदि किसी को ‘समान’ शब्द से समस्या है तो ‘राष्ट्रीय’ या ‘साझा’ जैसे शब्द सुझाये जा सकते हैं।’’ कुमार ने यह नहीं बताया कि कब तक यह कानून अस्तित्व में आ जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ इसकी कवायद शुरू हो गयी है लेकिन उसके लिए कोई समय सीमा नहीं है। विभिन्न धर्मों के लोग और बुद्धिजीवी इस मुद्दे को समझने के लिए साथ आये हैं।’’ संगोष्ठी में अन्य प्रवक्ता तसनीम पटेल ने कहा, ‘‘ समान नागरिक संहिता लाने का मुद्दा 76 सालों से चल रहा है। यह मामला कोई हाल में नहीं आया है। कई लोग इस मुद्दे पर डर पैदा करने का प्रयास कर रहे है। इसलिए चौकस रहने की जरूरत है।’’ वक्ता डॉ. के एम बहारूल इस्लाम ने कहा कि पहले सभी समुदायों से सुझाव मंगाये जाने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ देश में हर समुदाय के मुद्दों के समाधान के लिए एक समिति बनायी जानी चाहिए। तब मसौदा तैयार किया जाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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