तेजपाल ने SC में कहा: किसी मामले में सूचना देने वाला जांचकर्ता नहीं हो सकता
अपनी एक पूर्व सहयोगी द्वारा दर्ज कराये गये बलात्कार के कथित मामले में आरोपी तहलका पत्रिका के संस्थापक तरुण तेजपाल ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी सूचना देने वाला भी है।
नयी दिल्ली। अपनी एक पूर्व सहयोगी द्वारा दर्ज कराये गये बलात्कार के कथित मामले में आरोपी तहलका पत्रिका के संस्थापक तरुण तेजपाल ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी सूचना देने वाला भी है। तेजपाल के वकील कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ से कहा कि शीर्ष अदालत ने हाल ही में व्यवस्था दी है कि सचूना देने वाला और जांचकर्ता एक ही व्यक्ति नहीं हो सकता है।
पीठ ने कहा कि वह 16 अगस्त के फैसले का अध्ययन करेगी जिसमें कहा गया है कि इंसाफ केवल किया नहीं जाना चाहिये, बल्कि किया गया प्रतीत भी होना चाहिये। किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह या पहले से तय निष्कर्ष की कोई गुजाइंश नहीं रहनी चाहिये। पीठ ने मामले की सुनवाई अगले हफ्ते के लिए टाल दी। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ के फैसले में व्यवस्था दी गयी थी कि निष्पक्ष सुनवाई की बुनियाद निष्पक्ष जांच होती है। इसकी शर्त है कि सूचना देने वाला और जांच करने वाला एक ही व्यक्ति नहीं होना चाहिये।
नौ अप्रैल को शीर्ष अदालत ने गोवा की एक अदालत को तेजपाल के विरुद्ध सुनवाई एक साल में पूरा करने का निर्देश दिया था। तेजपाल ने बलात्कार के आरोपों को खारिज करने की अपनी मांग बंबई उच्च न्यायालय से नामंजूर होने पर उच्चतम न्यायालय में दरख्वास्त की थी। तेजपाल पर आरोप है कि उन्होंने 2013 में गोवा में एक पंच सितारा होटल में एलीवेटर के अंदर तत्कालीन एक सहयोगी पर यौन हमला किया था। तेजपाल ने इन आरोपों से इनकार किया है।
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