BRO के अधिकारियों की पहल, भारत-चीन सीमा के पास बच्चों के लिए बनाया गया अस्थायी स्कूल, शुरुआत से दी जा रही शिक्षा

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में भारत-चीन सीमा के पास की महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण में जुटे मजदूरों के बच्चों के लिए एक अस्थायी स्कूल का निर्माण कर रहे हैं।

नयी दिल्ली। भारत के सीमावर्ती इलाकों में सड़क निर्माण का कार्य करने वाले सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के दो अधिकारियों ने मिलकर भारत-चीन सीमा के करीब 20 दिन पहले एक पहल शुरू की। आपको बता दें कि जूनियर इंजीनियर राहुल यादव और सूबेदार संदेश पवार ने बीआरओ की शिवालिक रोड परियोजना में तैनात होने के दौरान एक बेहतरीन काम किया। 

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अंग्रेजी समाचार वेबसाइट 'हिन्दुस्तान टाइम्स' के मुताबिक उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में भारत-चीन सीमा के पास की महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण में जुटे मजदूरों के बच्चों के लिए एक अस्थायी स्कूल का निर्माण कर रहे हैं। राहुल यादव और सूबेदार संदेश पवार दोनों ही बीआरओ की 72 सड़क निर्माण कंपनी (आरसीसी) से जुड़े हुए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राहुल यादव ने बताया कि इस पहल का एकमात्र उद्देश्य बच्चों को उनके माता-पिता के सुबह 8 बजे काम पर जाने के बाद व्यस्त रखना है।

उन्होंने बताया कि परियोजना के लिए काम करते हुए मैंने देखा कि मजदूरों के काम पर जाने के बाद उनके बच्चे अक्सर सेना के वाहनों के पीछे भागते थे या ट्रैफिक के बीच सड़कों पर खेलते थे। यह उनकी सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक था। कोई अप्रिय घटना न हो जाए इसके लिए हमने एक महिला मजदूर से बच्चों की देखभाल करने को कहा था लेकिन वह असफल रही। जिसके बाद हमने एक अस्थायी स्कूल शुरू करने का निर्णय लिया। 

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जूनियर इंजीनियर राहुल यादव की इस पहल में जल्द ही सूबेदार पवार भी शामिल हो गए। आपको बता दें कि भारत-चीन सीमा के पास जांगला, होंडोलीगढ़ और नीलापानी के पास लगभग 10-12 हजार फीट की ऊंचाई पर तीन अस्थायी स्कूल शुरू किए गए। उन्होंने बताया कि अस्थायी स्कूल टेंट के नीचे चल रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यधारा से कटे हुए इन बच्चों को शुरुआती शिक्षा दी गई। इन्हें अंग्रेजी, हिंदी के अक्षर पढ़ाए गए। राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के बारे में बताया गया। इस पहल में कुछ और लोग जुड़ गए जो दोनों अधिकारियों की गैरमौजूदगी में बच्चों को पढ़ाते हैं।

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