शोध और नवाचार से 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी: कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आईआईटी रूड़की जैसे संस्थान सिर्फ शिक्षा के केंद्र नहीं हैं। बल्कि ये नवाचार और रचनात्मक विचारों के भी केंद्र हैं।
रूडकी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि आईआईटी रूड़की जैसे संस्थान सिर्फ शिक्षा के केंद्र नहीं हैं, बल्कि ये शोध, नवाचार और रचनात्मक विचारों के भी केंद्र हैं जिनसे राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ-साथ मानव कल्याण भी किया जा सकता है। कोविंद ने शुक्रवार कहा कि शोध, नवोन्मेष और सृजनात्मक विचारों से देश को 2025 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने सहित अपने लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी। ब्रिटिश शासन के दौरान स्थापित पहले इंजीनियरिंग कॉलेज आईआईटी रूड़की के वार्षिक दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान करने के बाद राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में नवाचार और शोध को प्रोत्साहन देने में अग्रणी संस्थान की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे देश में आधुनिक तकनीक पर आधारित स्टार्टअप को मदद मिल रही है।
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उन्होंने कहा कि आईआईटी रूड़की जैसे संस्थान सिर्फ शिक्षा के केंद्र नहीं हैं। बल्कि ये नवाचार और रचनात्मक विचारों के भी केंद्र हैं। शोध, नवाचार और रचनात्मक विचारों से राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ मानवता की भलाई की जा सकती है। हमें नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देना चाहिए। राष्ट्रपति ने उच्च स्तरीय तकनीकी संस्थानों में छात्राओं की संख्या बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाने पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान में वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थाओं में छात्राओं का अनुपात अपेक्षाकृत कम है और उनकी संख्या बढ़ने से हमारी विज्ञान संबंधी उपलब्धियां अधिक वांछनीय और हितकारी हो सकेंगी। महिलाओं से आगे आने और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने की अपील करतेहुए कोविंद ने कहा कि उन्हें भारत की उन महिला वैज्ञानिकों से प्रेरणा लेनी चाहिए, जो इसरो जैसे संस्थान में अपनी सेवायें देकर राष्ट्र का नाम विश्व पटल पर अंकित कर रही हैं।
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आईआईटी रूड़की के छात्रों के सामुदायिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाने का जिक्र करते हुए कोविंद ने कहा कि इसके छात्रों ने स्वच्छता ही सेवा के तहत हरिद्वार और रूड़की में गंगा घाट पर गंगा स्वच्छता अभियान में हिस्सेदारी की है। इस तरह की पहल कर संस्थान के छात्रों ने ‘यूनिवर्सिटी सोशल रेस्पोंसिबिलिटी’ को कार्यरूप दिया है। कोविंद ने 2029 छात्र छात्राओं को उपाधियां प्रदान की, जिसमें 1018 स्नातक, 702 पोस्ट ग्रेजुएट और 305 पीएचडी धारक शामिल हैं। इस अवसर पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी उपस्थित थे। बाद में, राष्ट्रपति ने शाम को हरिद्वार स्थित स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज के हरिहर आश्रम में पहुंच कर उनसे मंत्रणा की।
The alumni of IIT Roorkee should contribute to their alma mater. They were fortunate to receive world-class education which was substantially funded by the tax-payer. There is a moral obligation to pay back, and to help those less privileged pic.twitter.com/G5FlcfzGKG
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 4, 2019
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