मेनका गांधी ने राज्यों से कहा, सभी बालगृहों का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे सभी बालगृहों (चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन) का पंजीकरण सुनिश्चित करें और अगले एक माह के भीतर उन्हें केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) से जोड़ा जाए।
नयी दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे सभी बालगृहों (चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन) का पंजीकरण सुनिश्चित करें और अगले एक माह के भीतर उन्हें केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) से जोड़ा जाए। आधिकारिक बयान के मुताबिक मंत्री ने राज्यों को यह भी निर्देश दिया है कि देश भर में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ द्वारा चलाए जाने वाले बाल सुविधा गृहों की फौरन जांच की जाए। झारखंड में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ से जुड़ी एक संस्था द्वारा बच्चों को कथित तौर पर बेचे जाने की घटना सामने आने की पृष्ठभूमि में मेनका ने यह निर्देश जारी किया है।
मेनका गांधी की ओर से बालगृहों को अनिवार्य रूप से पंजीकरण का निर्देश उस वक्त दिया गया है जब रविवार को ‘भाषा’ ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के 11 जुलाई, 2018 तक के आंकड़ों के हवाले से खबर दी थी कि देश भर में 1339 बालगृह बिना पंजीकरण के चल रहे हैं। किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत बाल संरक्षण से जुड़ी हर संस्था का पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
यह संशोधित कानून जनवरी, 2016 में लागू हुआ था। एनसीपीसीआर की ओर से उपलब्ध कराए गए ताजा आंकड़ों (11 जुलाई, 2018 तक) के मुताबिक, देश में 5850 बालगृह पंजीकृत हैं तो 1339 बालगृह बिना पंजीकरण के चल रहे हैं। एनसीपीसीआर का कहना है कि केरल में 26 बालगृह पंजीकृत हैं, जबकि 1165 बालगृह बिना पंजीकरण के चल रहे हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र में 110, मणिपुर में 13, तमिलनाडु में नौ, गोवा में आठ, राजस्थान में चार और नगालैंड में दो बालगृह पंजीकृत नहीं हैं।
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