मायावती और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश

[email protected] । Jul 28 2016 5:23PM

अदालत ने समाज में विद्वेष फैलाने वाला भाषण देने के आरोप में बसपा प्रमुख मायावती और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करने का आज निर्देश दिया।

हाजीपुर। बिहार के वैशाली जिले की एक अदालत ने समाज में विद्वेष फैलाने वाला भाषण देने के आरोप में बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करने का आज निर्देश दिया। मायावती और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ हाजीपुर निवासी अजीत कुमार सिंह द्वारा दायर एक परिवाद पत्र पर आज सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जयराम प्रसाद ने भादंवि की धारा 156 (3) के तहत स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।

अजीत के वकील रविशंकर सिंह ने बताया कि उक्त परिवाद पत्र बसपा प्रमुख मायवती और उनकी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, उत्तर प्रदेश के बसपा प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर और उनकी पार्टी के प्रदेश सचिव मेवालाल के खिलाफ दायर किया गया है। उन्होंने बसपा प्रमुख सहित उनकी पार्टी के इन नेताओं पर सामाजिक विद्वेष फैलाने वाला भाषण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे उन्हें आघात पहुंचा है और इससे राष्ट्रीय एकता और अखंडता को क्षति पहुंची है। परिवादी ने भादंवि की धारा 153 ए और 153 बी 295 ए, 506, 34 120 बी एवं पॉक्सो एक्ट 2012 की धारा 16 के तहत दायर करते हुए आरोप लगाया है कि गत 21 जुलाई को लखनऊ में एक सभा में मायावती ने अपने को भगवान और देवी कहकर लोगों को छलने का काम किया।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के बसपा प्रमुख के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी के विरोध में बसपा प्रमुख और उनके नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं को दयाशंकर, उनकी पत्नी, पुत्री और मां को निशाना बनाने के लिए उकसाया।

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