सड़क हादसे में मारे गए व्यक्ति की पत्नी, बच्चों को डेढ़ करोड़ का मुआवजा देने का निर्देश
महाराष्ट्र के ठाणे मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने पुणे-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर एक कार और एक निजी बस की टक्कर में जान गंवाने वाले व्यक्ति की पत्नी और उसके दो बच्चों को 1.49 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
ठाणे। महाराष्ट्र के ठाणे मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने पुणे-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर एक कार और एक निजी बस की टक्कर में जान गंवाने वाले व्यक्ति की पत्नी और उसके दो बच्चों को 1.49 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। एमएसीटी के सदस्य वली मोहम्मद ने ट्रैवल एजेंसी और बीमाकर्ता कंपनी को याचिका दायर करने की तारीख से सात प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ दावेदारों को भुगतान करने का निर्देश दिया है। न्यायाधिकरण ने दो माह के भीतर भुगतान करने के लिए कहा है।
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आदेश छह जून को पारित किया गया और इसकी प्रति बुधवार को उपलब्ध हुई। न्यायाधिकरण ने बीमाकर्ता को यह भी निर्देश दिया कि वह पहले मुआवजे का भुगतान करे और फिर वह वाहन के मालिक से राशि वसूलने के लिए स्वतंत्र है। दावेदार शुभ्रा श्रीवास्तव और उनके बच्चे पुणे के हिंजेवाड़ी के निवासी हैं। दावेदारों के वकील आरसी यादव ने न्यायाधिकरण को बताया कि मृतक सौरभ श्रीवास्तव रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड में बतौर उप प्रबंधक कार्य करते थे और उनकी उम्र तब 35 साल थी।
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पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे पर 21 मई 2018 को एक निजी बस ने उनकी कार में पीछे से टक्कर मार दी थी। हादसे में कार चला रहे श्रीवास्तव को गंभीर चोटें आईं। उन्हें नवी मुंबई के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चूंकि बस का मालिक सुनवाई के दौरान मौजूद नहीं था, इसलिए न्यायाधिकरण ने एकपक्षीय आदेश पारित कर दिया। बीमाकर्ता की तरफ से पेश अधिवक्ता पीबी नायर ने तर्क दिया कि दावा राशि काफी अधिक है। आदेश में कहा गया, ‘‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दी गई राय यह मानने के लिए पर्याप्त है कि मृतक की मौत वाहन दुर्घटना में हुई।
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