इंटरपोल ने नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया

Interpol issued red corner notice against Nirav Modi
[email protected] । Jul 2 2018 12:40PM

भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। अरबपति कारोबारी के खिलाफ दो अरब डॉलर के पीएनबी घोटाले में जां च चल रही है।

नयी दिल्ली। इंटरपोल ने दो अरब डॉलर के पीएनबी घोटाले की जांच कर रही सीबीआई के अनुरोध पर भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उसके भाई निशाल मोदी और उसके कर्मचारी सुभाष परब के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। सूत्रों ने बताया कि यह नोटिस 29 जून को जारी किया गया था लेकिन इंटरनेशनल पुलिस कोऑपरेशन एजेंसी ने इसे आज सार्वजनिक किया है। उनके मुताबिक इससे नीरव मोदी की सीमा पार सुगम आवाजाही अब मुश्किल हो जाएगी और हो सकता है कि इसी के रास्ते उसे गिरफ्तार भी कर लिया जाए। इंटरपोल ने यह रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) मुंबई की विशेष अदालत में दाखिल सीबीआई के आरोप पत्र और वहां के विशेष न्यायाधीश जेसी जगदाले द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के आधार पर जारी किया है। 

आरसीएन में इंटरपोल ने अपने 192 सदस्य देशों से कहा है कि अगर भगोड़ा व्यक्ति उनके देश में देखा जाता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए या हिरासत में ले लिया जाए। इसके बाद उसके प्रत्यर्पण या निर्वासन की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के सामने आने से कई हफ्ते पहले, जनवरी के पहले सप्ताह में नीरव मोदी ने अपनी पत्नी अमी मोदी जो अमेरिकी नागरिक हैं, भाई निशाल मोदी जो बेल्जियम का नागरिक है और मामा मेहुल चोकसी के साथ देश छोड़ दिया था। इन सभी के नाम आरोपियों के रूप में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में हैं।कथित भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के अलावा निशाल और परब के नाम आरोप पत्र में शामिल किए हैं।

नीरव और उसके मामा मेहुल चोकसी ने कारोबार और सेहत संबंधी कारणों और अन्य वजहों का हवाला देते हुए जांच में शामिल होने के लिए भारत लौटने से इनकार कर दिया।आरसीएन में इंटरपोल ने नीरव के सभी पांच पासपोर्ट की विस्तृत जानकारी दी है। ये पासपोर्ट उसे मई 2008 से मई 2017 के बीच जारी किए गए थे। इसमें यह जानकारी भी है कि भारत सरकार ने ये पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं फिर भी वह इनके आधार पर यात्रा करने में सफल रहा है। सीबीआई ने इंटरपोल को नीरव मोदी के पांच पते भी दिए हैं जो न्यूयॉर्क के मेनहट्टन, ईस्ट चेस्टर और सेंट्रल के हैं तथा एक पता दुबई के अल बायान का है। सूत्रों के मुताबिक यह जानकारी भी दी गई है कि उसके हांगकांग, यूनाइटेड किंगडम, बेलारूस, ब्रुसेल्स, न्यूयॉर्क, यूएई तथा अन्य स्थानों पर जाने की संभावना है।

सीबीआई ने 15 फरवरी को इंटरपोल के जरिए जारी डिफ्यूजन नोटिस के जरिए नीरव मोदी का पता लगाने का प्रयास किया था लेकिन इससे भी खास सफलता नहीं मिली क्योंकि सीबीआई के अनुरोध का जवाब केवल ब्रिटेन ने ही दिया। सीबीआई ने बताया था कि 24 फरवरी को इंटरपोल के सेंट्रल डेटाबेस में यह जानकारी प्रसारित की गई थी कि भारत सरकार नीरव का पासपोर्ट रद्द कर रही है उसके बावजूद वह कई देशों की यात्रा करता रहा। सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा था, ‘‘ विदेश मंत्रालय ने उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया था जिसके बाद हमने यह जानकारी डिफ्यूजन नोटिस में जोड़ दी। नीरव मोदी का पासपोर्ट रद्द करने की जानकारी 24 फरवरी को इंटरपोल के सेंट्रल डेटाबेस को भी भेज दी गई, यह डेटाबेस सभी सदस्य देशों के पास उपलब्ध होता है।’’

उन्होंने बताया कि सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल द्वारा डिफ्यूजन नोटिस जारी किये जाने के बाद एजेंसी ने उन छह देशों से संपर्क साधा जहां नीरव के जाने की आशंका थी। एजेंसी ने इन देशों से नीरव के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया।एजेंसी ने 25 अप्रैल, 22 मई, 24 मई और 28 मई को यूनाइटेड किंगडम की इंटरपोल कॉर्डिनेशन एजेंसी को ये रिमाइंडर भेजे।इसी तरह के रिमाइंडर अमेरिका, सिंगापुर, बेल्जियम, यूएई और फ्रांस की एजेंसियों को भी भेजे गए।

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