असहिष्णुता और बहुसंख्यकवादी राजनीति को भारत के ‘सॉफ्ट पावर’ को कमजोर करने नहीं दिया जा सकता: थरूर

Tharoor

हमें ‘सॉफ्ट पावर’ और ‘हार्ड पावर’ दोनों की जरूरत है। मैं भारत से जुड़ी उन खूबियों के महत्व पर जोर देना चाहता हूं जो दुनिया को अपील करती हैं। मूल्यवान बहुलवाद जो विश्व स्तर भारत के लिए एक पूंजी रहा है वो आज हमारे देश में ही खतरे में है।

नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत के लिए एक पूंजी रहे बहुलवाद को अपने ही देश में आज खतरा है और ऐसे में धार्मिक असहिष्णुता एवं बहुसंख्यकवादी राजनीति को देश के ‘सॉफ्ट पावर’ को कमजोर नहीं करने नहीं दिया जा सकता। फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा कि भारत को यह सरजमीं बने रहना चाहिए जहां स्वतंत्र प्रेस और समृद्ध मीडिया के साथ हम एक समाज के तौर पर बेहतर इबारतें गढ़ते रहें। कांग्रेस के लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘ हमें ‘सॉफ्ट पावर’ और ‘हार्ड पावर’ दोनों की जरूरत है। मैं भारत से जुड़ी उन खूबियों के महत्व पर जोर देना चाहता हूं जो दुनिया को अपील करती हैं। मूल्यवान बहुलवाद जो विश्व स्तर भारत के लिए एक पूंजी रहा है वो आज हमारे देश में ही खतरे में है।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘हमारा लोकतंत्र और विरोध, फल-फूल रहा मीडिया, हमारे नागरिक अधिकार मंच, हमारा निष्पक्ष चुनाव और हमारे विभिन्न राजनीतिक दल सभी भारत को दुनिया के सामने बहुत सकारात्मक रूप में पेश करते हैं।’’ थरूर के मुताबिक यह जरूरी है कि भारत ऐसा नहीं होने दे कि धार्मिक असहिष्णुता एवं बहुसंख्यकवादी राजनीति को देश के ‘सॉफ्ट पावर’ को कमजोर करें।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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