काले धन से लड़ाई में आईआरएस अधिकारी अग्रणी सैनिक हैं: राष्ट्रपति

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[email protected] । Mar 8 2019 7:17PM

उन्‍होंने कहा कि इससे कर राजस्‍व में बढ़ोत्‍तरी होगी और राजस्‍व अधिकारियों की चुनौतियां बढ़ जाएंगी, ऐसे में देश के आर्थिक साधन को सुगम बनाने में चुनौतियों से निपटने की जरूरत पड़ेगी।

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने काले धन से लड़ाई में आईआरएस अधिकारियों को अग्रणी सैनिक बताते हुए कहा कि राजस्व सेवा के अधिकारी सरकार और नागरिकों के बीच प्रमुख कड़ी हैं। राष्ट्रपति ने शुक्रवार को राष्‍ट्रपति भवन में भारतीय राजस्‍व सेवा (आईआरएस) के 72वें बैच के प्रशिक्षु अधि‍कारियों से मुलाकात के दौरान ये बातें कही। आईआरएस प्रशिक्षु अधि‍कारियों को संबोधित करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा, ‘‘भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्‍यवस्‍था है। आने वाले वर्षों में इसकी जीडीपी दोगुने से ज्‍यादा होने की उम्‍मीद है। इससे चौतरफा संभावनाओं का सृजन होगा।’’

उन्‍होंने कहा कि इससे कर राजस्‍व में बढ़ोत्‍तरी होगी और राजस्‍व अधिकारियों की चुनौतियां बढ़ जाएंगी, ऐसे में देश के आर्थिक साधन को सुगम बनाने में चुनौतियों से निपटने की जरूरत पड़ेगी। राष्ट्रपति भवन की विज्ञप्ति के अनुसार, राष्‍ट्रपति ने कहा कि हाल के वर्षों में सरकार ने वित्‍तीय व्‍यवस्‍था को दुरूस्‍त करने के लिए कई कदम उठाए हैं और काले धन के खतरे पर भी अंकुश लगाया है। 

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कोविंद ने कहा, ‘‘ काले धन से लड़ाई में आईआरएस अधिकारी अग्रणी सैनिक हैं। नोटबंदी,आय घोषणा योजना और बेनामी संपत्‍त‍ि निषेध कानून में संशोधन जैसे कदम हमारी अर्थव्‍यवस्‍था को और पारदर्शी बनाने के प्रति लोगों और सरकार की इच्‍छा-शक्ति को दर्शाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि आम आदमी को लोकसेवकों खासकर आईआरएस अधिकारियों से काफी उम्‍मीदें हैं। उन्‍होंने कहा, ‘‘ ये अधिकारी सरकार और नागरिकों के बीच प्रमुख कड़ी हैं। वे यह न भूलें कि आम लोगों से ही उन्‍हें उनकी सेवा करने की शक्ति और अधिकार मिलते हैं।’’

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