Prabhasakshi Exclusive: क्या नयी रक्षा-सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है भारत?

विश्व का जो परिदृश्य है खासकर हमारे पड़ोस का, उसको देखते हुए भारत के समक्ष सुरक्षा की कौन-सी बड़ी चुनौतियां हैं? इस मुद्दे पर हमने ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त श्री डीएस त्रिपाठी से प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में बातचीत की। हमने यह भी जाना कि आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों- मसलन माओवादियों, नगा-विद्रोहियों समेत पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों पर हम अब तक कितनी लगाम लगा पाये हैं?
इसके जवाब में श्री त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान में विश्व का जो परिदृश्य है उसमें भारत के समक्ष जो सबसे बड़ी चुनौती है वह चीन की तरफ से खड़ी है। पाकिस्तान से भी चुनौती है। इसके अलावा चीन जिस तरह हमारे पड़ोसियों को भरमा रहा है उससे भी तमाम तरह की नई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं। साथ ही आज के विश्व में साइबर चुनौती, रोबोट हमले, ड्रोन हमले आदि भी नई चुनौती के रूप में खड़े हो गये हैं। जिनसे निबटने के लिए सरकार और सुरक्षा बल अलग-अलग तरह से तैयारियां कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि जहां तक सशस्त्र उग्रवादी संगठनों की बात है तो उन पर काफी हद तक लगाम लगायी जा चुकी है। पूर्वोत्तर में कई क्षेत्रों से अफ्सपा हटाया जा चुका है जो दर्शाता है कि अब पहले की अपेक्षा यह क्षेत्र शांत है।
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