राजे को शासन करने का नैतिक अधिकार नहीं: अशोक गहलोत

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[email protected] । Oct 3 2018 8:43PM

उन्होंने कहा कि रोडवेज सहित कई सरकारी विभागों के कर्मचारी कई दिनों से हड़ताल पर हैं जिसकी मुख्यमंत्री को कोई चिंता नहीं है वह केवल अधूरी परियोजनाओं का जल्दबाजी में लोकार्पण करने में व्यस्त हैं।

जयपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि समाज के सभी वर्गो में भाजपा सरकार के कुशासन के कारण असंतोष व्याप्त है इसलिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को शासन करने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि रोडवेज सहित कई सरकारी विभागों के कर्मचारी कई दिनों से हड़ताल पर हैं जिसकी मुख्यमंत्री को कोई चिंता नहीं है वह केवल अधूरी परियोजनाओं का जल्दबाजी में लोकार्पण करने में व्यस्त हैं।

जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत में गहलोत ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में जनता के उन्हें भारी बहुमत से जीत दिलाई लेकिन उन्होंने जनता की उम्मीद और अपेक्षाओं की कोई चिंता नहीं रखी और जनता से दूर रही। उन्होंने कहा कि जनता इन बातों को समझती है और आने वाले समय में उनको पूरा जवाब मिलेगा। उन्होंने कहा कि जनता में आक्रोश है।

उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री राजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसे बैठी हुई हैं। वह सोचती हैं कि मोदी आएंगे और पिछली बार की तरह माहौल बनेगा...जो अब बनने वाला नहीं है।’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयपुर में तो एक पर्यटक की तरह आती रहीं और आईं तो किसी से मिली नहीं यह तमाम बातें लोगों के जहन में बैठी हुईं हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राजे की 'गौरव यात्रा' के दौरान जनता के आक्रोश के कारण उन्होंने बस की यात्रा छोड़कर हैलीकोप्टर से यात्रा शुरू कर दी। इसलिये यह गौरव यात्रा उनकी विदाई यात्रा है।

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