इशरत जहां केस: डीजी वंजारा और एनके अमीन आरोपमुक्त

ishrat-jahan-case-vanzara-and-amin-acquitted

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत सरकारी ड्यूटी के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा किए गए काम के सिलसिले में मुकदमा चलाने के लिए सरकार से मंजूरी मिलना अनिवार्य है।

अहमदाबाद। सीबीआई की विशेष अदालत ने इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व पुलिस अधिकारियों डी. जी. वंजारा और एन. के. अमीन को बृहस्पतिवार को आरोपमुक्त कर दिया। गुजरात सरकार की ओर से दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति सीबीआई को नहीं मिलने के बाद वंजारा और अमीन ने आरोपमुक्त करने की अर्जी दी थी। सीबीआई की विशेष अदालत के जज जे. के. पांड्या ने कहा कि चूंकि सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी है ऐसे में उनकी आरोपमुक्त करने की अर्जी को मंजूर किया जाता है। इसलिए उनके खिलाफ चल रहा मामला खत्म किया जाता है।

इसे भी पढ़ें: CBI ने YSR कांग्रेस के प्रत्याशी के कार्यालयों और घरों पर छापेमारी की

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत सरकारी ड्यूटी के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा किए गए काम के सिलसिले में मुकदमा चलाने के लिए सरकार से मंजूरी मिलना अनिवार्य है। मुंबई के पास मुंब्रा की रहने वाली 19 वर्षीय इशरत, जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लै, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर की 15 जून, 2004 में अहमदाबाद के बाहर पुलिस के साथ हुई कथित फर्जी मुठभेड़ में मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया था कि वे लोग आतंकवादी थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने के लिए गुजरात आए थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़