टेक्नोलॉजी जो स्टार ट्रेक की कल्पनाओं तक को कर दे मात, अंतरिक्ष विज्ञान की सूरत बदलने पर ISRO कर रहा काम

ISRO
अभिनय आकाश । Nov 24 2021 12:31PM

इसरो के चेयरमैन के सिवान ने कहा कि हमारे सभी रॉकेटों में धातु के आवरण होते हैं जो प्रक्षेपण के बाद समुद्र में गिरा दिए जाते हैं या (अंतिम चरण) के बाद अंतरिक्ष में रह जाते हैं। हम एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं जिसके माध्यम से रॉकेट प्रभावी रूप से खुद को खा जाएंगे।

इसरो, यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि इसने आजतक एक भी ऐसे काम नहीं किए जो मानवता के लिए हानिकारक हो। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान दुनिया का एक अभिनव अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान है। इसरो द्वारा अब ऐसी तकनीक पर काम कर रहा है जो जो हॉलीवुड की साइंस फिक्शन फिल्मों की कल्पना को भी पीछे छोड़ देगी। जो स्टार ट्रेक की काल्पनिक तकनीकों को हकीकत का रूप दे सकता है और कई मायनों में उन्हें भी पछाड़ सकता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो स्वयं को ही खाने वाले रॉकेट की तकनीक और ऐसी सैटेलाइट जो खुद ही गायब हो जाए। इसरो ऐसी 46 फ्यूरिस्टिक टेक्नॉलजीज पर काम कर रहा है। 

इसे भी पढ़ें: इसरो जासूसी मामले में ‘‘बड़ी साजिश’’, विदेशी हाथ होने की संभावना: सीबीआई ने न्यायालय से कहा

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इसरो के चेयरमैन के सिवान ने कहा कि हमारे सभी रॉकेटों में धातु के आवरण होते हैं जो प्रक्षेपण के बाद समुद्र में गिरा दिए जाते हैं या (अंतिम चरण) के बाद अंतरिक्ष में रह जाते हैं।  हम एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं जिसके माध्यम से रॉकेट प्रभावी रूप से खुद को खा जाएंगे, जिससे न तो समुद्र में कचरा गिरेगा और न ही अंतरिक्ष में मलबा बनेगा। उन्होंने कहा कि हम रॉकेट के आवरणों के लिए विशेष सामग्री देख रहे हैं जो मोटरों के साथ खुद को खत्म कर सके। 

इसे भी पढ़ें: अंतरिक्ष पारिस्थितिकी निजी क्षेत्र के लिए अवसरों से है भरा हुआ : इसरो प्रमुख

उसी तरह, एक ऐसी तकनीक पर भी काम हो रहा है जिसमें उपग्रह प्रौद्योगिकी अंतरिक्ष यान को नष्ट करने में सक्षम होगीष यानी एक बार किसी एयरक्राफ्ट की उम्र पूरी हो जाए तो बस "किल बटन" दबाने से उसके नष्ट होने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। वो अपनी कक्षी में ही जलकर नष्ट हो जाएगा। के सिवान ने कहा कि जब रॉकेट उड़ते हैं, तो कभी-कभी उनमें गड़बड़ियां भी आ जाती हैं। सेल्फ-हीलिंग मैटेरियल्स से कुछ गड़बड़ियाों को स्वयं ठीक कर सकती है। मेक-इन-स्पेस अवधारणाएं, क्वांटम संचार और उन्नत रडार जैसी अन्य प्रौद्योगिकियां हैं जिन पर इसरो भारत को भविष्य के लिए तैयार करने की योजना के हिस्से के रूप में ध्यान केंद्रित कर रहा है। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़