संचार उपग्रह जीसैट-31 का सफल प्रक्षेपण, ATM नेटवर्क को मिलेगी मजबूती

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[email protected] । Feb 6 2019 5:22PM

दक्षिण अमेरिका के उत्तर पूर्व तटीय क्षेत्र में स्थित फ्रांसीसी क्षेत्र कौरू के एरियन लांच काम्प्लेक्स से भारतीय समयानुसार देर रात के बाद 2 बजकर 31 मिनट पर प्रक्षेपण किया गया।

बेंगलुरू। देश के नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट-31 को बुधवार तड़के फ्रेंच गुयाना से एक यूरोपीय रॉकेट द्वारा सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया गया। इस मिशन से एटीएम नेटवर्क की कनेक्टिविटी बढ़ेगी और डीटीएच सेवा भी मजबूत होगी। दक्षिण अमेरिका के उत्तर पूर्व तटीय क्षेत्र में स्थित फ्रांसीसी क्षेत्र कौरू के एरियन लांच काम्प्लेक्स से भारतीय समयानुसार देर रात के बाद 2 बजकर 31 मिनट पर प्रक्षेपण किया गया। यूरोपीय प्रक्षेपण सेवा प्रदाता एरियनस्पेस के एरियन-5 अंतरिक्षयान से उपग्रह को निर्बाध प्रक्षेपण के बाद कक्षा में स्थापित किया गया। उड़ान करीब 42 मिनट की थी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस पांडियन ने प्रक्षेपण के तुरंत बाद कौरू में कहा, ‘एरियन-5 रॉकेट से जीसैट-31 उपग्रह के सफल प्रक्षेपण से मैं बहुत खुश हं।’

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उन्होंने कहा कि सफलतापूर्वक प्रक्षेपण और उपग्रह को सटीकता से कक्षा में स्थापित करने के लिए एरियनस्पेस को बधाई। उन्होंने बताया कि जीसैट-31 केयू बैंड के साथ उच्च क्षमता का संचार उपग्रह है और यह उन उपग्रहों का स्थान लेगा जिनकी संचालन अवधि जल्द ही समाप्त हो रही है। एरियनस्पेस के सीईओ स्टीफन इस्राइल ने ट्वीट किया, ‘सऊदी के भू स्थैतिक उपग्रह 1/हेलास सैट 4 और जीसैट-31 की उड़ान के साथ एरियनस्पेस की 2019 की अच्छी शुरुआत हुई। इनकी सफलता भू स्थैतिक प्रक्षेपण के क्षेत्र में हमारे नेतृत्व की स्थिति बताती है।’

इसरो ने एक बयान में बताया कि करीब 2,536 किलोग्राम वजनी भारतीय उपग्रह की मिशन अवधि 15 साल है। यह इसरो के पहले के इनसैट/जीसैट उपग्रह श्रृंखला का उन्नत रूप है। यह भारतीय मुख्य भूभाग और द्वीपों को संचार सेवाएं मुहैया कराएगा। जीसैट-31 देश का 40वां संचार उपग्रह है। यह भूस्थैतिक कक्षा में केयू-बैंड ट्रांसपोन्डर क्षमता को बढ़ाएगा। इसका इस्तेमाल वीसैट नेटवर्क, टेलीविजन अपलिंक, डिजिटल उपग्रह समाचार संग्रह, डीटीएच-टेलीविजन सेवाओं, सेलुलर बैकहॉल कनेक्टिविटी और ऐसे कई उपकरणों में किया जाएगा। 

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यह व्यापक बैंड ट्रांसपोन्डर की मदद से अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के बड़े हिस्से में संचार की सुविधाओं के लिए व्यापक बीम कवरेज उपलब्ध कराएगा। एरियनस्पेस इसरो के लिए अन्य भू स्थैतिक उपग्रह जीसैट-30 का भी जल्द प्रक्षेपण करेगा। पांडियन ने कहा, ‘जल्द ही हम जून, जुलाई में जीसैट-30 का प्रक्षेपण करने के लिए फिर से फ्रेंच गुयाना आएंगे।’

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