गुजरात विधानसभा चुनावों तक हावी रहेगा कोटा का मुद्दा
युवा नेता हार्दिक पटेल की अगुवाई में पाटीदारों के नौ महीने चले आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने हाल ही में आरक्षण की घोषणा कर इस समुदाय को संतुष्ट करने की कोशिश की।
अहमदाबाद। पाटीदारों की कोटे की मांग अगले साल गुजरात विधानसभा चुनावों तक एक प्रमुख मुद्दा बने रहने की संभावना है और अगड़ी जातियों में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा कर इस मुद्दे को ठंडा करने के भाजपा के प्रयास को मामूली सफलता मिलती प्रतीत होती है। युवा नेता हार्दिक पटेल की अगुवाई में पाटीदारों के नौ महीने चले आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने हाल ही में आरक्षण की घोषणा कर इस समुदाय को संतुष्ट करने की कोशिश की। हालांकि पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) ने इसे खारिज कर दिया है।
इससे पहले राज्य सरकार ने पटेल कोटा आंदोलन के जवाब में अगड़ी जाति के गरीब विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना’ नाम से एक योजना की घोषणा की थी। हालांकि, उसका यह प्रयास भी विफल रहा। सरकार के इस कदम को पाटीदारों के लिए एक ‘लॉलीपॉप’ करार देते हुए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा कि यदि अगले चुनाव में वह सत्ता में आती हैं तो वह ईबीसी कोटा बढ़ाकर 20 प्रतिशत करेगी। पटेल कोटा आंदोलन के बाद पिछले साल दिसंबर में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में जीत हासिल करने वाली कांग्रेस पिछले 25 सालों से गुजरात की सत्ता से बाहर रही है और उसे अगले साल के चुनावों में सत्ता में आने की काफी उम्मीदें हैं। गुजरात की राजनीति में नरेन्द्र मोदी जैसे बड़े कद के नेता की कमी और कोटा आंदोलन जैसे मुद्दों के चलते भाजपा को 2017 के विधानसभा चुनावों में अपनी मजबूत स्थिति बरकरार रखने में मुश्किलें आ रही हैं। भाजपा पिछले 20 वर्षों से राज्य में सभी चुनाव जीतती रही है।
गुजरात कांग्रेस के महासचिव निशीथ व्यास ने कहा, ''कोटा का मुद्दा चुनावों में हावी रहेगा क्योंकि यह समय की जरूरत है। जो लोग इसकी मांग कर रहे हैं, उनकी मांग जायज हैं। अगड़ी जाति में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा बहुत देरी से और बहुत कम है।’’ उन्होंने कहा, ''यदि हम सत्ता में आते हैं तो हमने ईबीसी के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है।’’ हालांकि, भाजपा का दावा है कि 10 प्रतिशत कोटा की घोषणा को पटेल समुदाय द्वारा व्यापक ढंग से स्वीकार किया गया है और कुछ ही सदस्य इस मुद्दे को जीवित रखना चाहते हैं।’’ भाजपा के प्रवक्ता हर्षद पटेल ने कहा, ''पास के केवल कुछ ही सदस्य जिन्हें कांग्रेस समर्थन दे रही है, हमारी घोषणा के खिलाफ हो-हल्ला कर रहे हैं। कांग्रेस की चाल यहां कामयाब नहीं होगी।’’
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