रास में उठा महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा, सदस्यों ने जताई चिंता

Issue of safety of women raised in RS, members expressed concern
[email protected] । Jul 25 2018 3:19PM

राज्यसभा में आज कांग्रेस की कुमारी शैलजा और सपा की जया बच्चन ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि पर चिंता जताते हुए आज सरकार से ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए कानून का कड़ाई से पालन कराने की मांग की।

नयी दिल्ली। राज्यसभा में आज कांग्रेस की कुमारी शैलजा और सपा की जया बच्चन ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि पर चिंता जताते हुए आज सरकार से ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए कानून का कड़ाई से पालन कराने की मांग की। शून्यकाल में उच्च सदन में कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि संसद के हर सत्र में महिलाओं के यौन उत्पीड़न का मुद्दा उठाया जाता है। यह अत्यंत दुख, दर्द से भरा मुद्दा है और बेहद शर्मनाक भी है। 

उन्होंने कहा कि एक पत्रिका के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह बात उठ चुकी है कि हमारे देश में महिलाओं की क्या स्थिति है। शैलजा ने कहा ‘‘हाल ही में हरियाणा के मोरनी गांव में एक महिला को नौकरी का झांसा दे कर करीब 40 लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया। इससे भी अधिक दर्दनाक बात यह है कि उसकी शिकायत पर प्राथमिकी भी दर्ज नहीं हुई। इसी तरह बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह की बच्चियां बलात्कार की शिकार हुईं।’’ 

कांग्रेस सदस्य ने कहा कि यह कानून का नहीं बल्कि कानून व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा है और बेहद कठोर कदमों की मांग करता है। ‘‘ऐसे अपराध करने वालों को लगता है कि हम कुछ भी करके आसानी से बच जाएंगे। ऐसा नहीं होना चाहिए। कठोर कानून होने के बावजूद कानूनी एजेंसियां अपना काम उस तरह नहीं कर रही हैं जिस तरह करना चाहिए।’’ सपा की जया बच्चन ने कहा ‘‘हर दूसरे दिन मैं खड़ी होती हूं और महिलाओं की सुरक्षा के बारे में बात करती हूं। मुझे बेहद शर्म महसूस होती है। लेकिन मैं महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाती रहूंगी।’’ 

जया ने कहा ‘‘मीडिया धन्यवाद का पात्र है जो ऐसे मुद्दों को नियमित तौर पर उठाता है।’’ सपा सदस्य ने सुझाव दिया कि इस तरह के अपराधों को अंजाम देने वाले अपराधियों के अभिभावकों को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा किया जाना चाहिए ताकि वे मामले को दबा न पाएं। उन्होंने आसन से इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की मांग की जिस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने सहमति जताते हुए कहा ‘‘यह गंभीर मुद्दा है। हमें सोचना होगा कि क्या कानून में कोई कमी है ? क्या समाज की सोच में बदलाव लाना होगा ? ’’ 

नायडू ने कहा कि केवल कानून का कार्यान्वयन ही हालात बदलने के लिए जरूरी नहीं है। इसके लिए ‘‘राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रशासनिक कुशलता की जरूरत है जिससे इस सामाजिक बुराई का अंत हो सके।’’ सभापति ने कहा ‘‘हम सबको मिल कर प्रयास करना होगा कि हालात में बदलाव हो। विभिन्न दलों के सदस्यों ने शैलजा और जया के इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।

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