गांधी जी के सपने को पूरा होते देखना भाग्य की बात: प्रधानमंत्री मोदी
गांधी ने 1917 में साबरमती आश्रम की स्थापना दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद की थी। आश्रम में वह 1930 तक रहे भी। इसके बाद वह प्रसिद्ध दांडी मार्च की यात्रा पर गए।
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को साबरमती आश्रम मेंआगंतुक पुस्तिका में लिखा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि महात्मा गांधी का खुले में शौच मुक्त भारत का सपना पूरा हो रहा है। मोदी ने राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती पर साबरमती आश्रम में उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने गुजराती भाषा में आगंतुक पुस्तिका में लिखा, ‘‘साबरमती आश्रम अपने संकल्प को पूरा करने का तीर्थस्थल है। माननीय बापू ने एक शपथ ली थी कि जब तक भारत आजाद नहीं हो जाता, वह साबरमती आश्रम नहीं लौटेंगे।’’
We dedicate our strides in cleanliness to Bapu, our inspiration. #Gandhi150 pic.twitter.com/77BuFlcawC
— Narendra Modi (@narendramodi) October 2, 2019
उन्होंने लिखा, ‘‘ इस आश्रम ने वह शपथ भी पूरे होते हुए देखी।’’ मोदी ने लिखा, ‘‘ आज मैं संतुष्ट हूं कि महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत का एक संकल्प आज सच हो रहा है। मैं ऐसे अवसर पर मौजूद होने के लिए खुद को भाग्यशाली मानता हूं जब भारत खुले में शौच मुक्त घोषित किया जा रहा है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘ हमें स्वतंत्रता आंदोलन में बापू के पीछे चलने का अवसर भले ही न मिल सका लेकिन उनके मार्ग पर चलना हमारा कर्तव्य है। हमें बापू द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलना चाहिए और देश के लिए बड़ी सफलता हासिल करने के लिए छोटी-छोटी शपथ लेनी चाहिए।’’
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मोदी ने यहां अपने 20 मिनट के भ्रमण के दौरान परिसर के संग्रहालय का निरीक्षण किया और छात्रों से बातचीत की। वह आश्रम में गांधी के घर ‘हृदय कुंज भी गए। प्रधानमंत्री के साथ गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी मौजूद थे। गांधी ने 1917 में साबरमती आश्रम की स्थापना दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद की थी। आश्रम में वह 1930 तक रहे भी। इसके बाद वह प्रसिद्ध दांडी मार्च की यात्रा पर गए। उन्होंने इस दौरान कहा था कि जब तक भारत को आजादी नहीं मिल जाती, वह आश्रम नहीं लौटेंगे।
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