मुंबई के बिरयानी किंग जफरभाई का कोरोना से निधन, मुगलई जायके से बनाई थी अपनी अलग पहचान
मूल रूप से अहमदाबाद के रहने वाले जफरभाई ने 1976 में दिल्ली दरबार रेस्त्रां की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि बाद में उन्होंने अपने ही नाम पर 'जफरभाई दिल्ली दरबार' की चेन से खासा नाम कमाया।
मूल रूप से अहमदाबाद के रहने वाले जफरभाई ने 1976 में दिल्ली दरबार रेस्त्रां की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि बाद में उन्होंने अपने ही नाम पर 'जफरभाई दिल्ली दरबार' की चेन से खासा नाम कमाया। मुंबई में जफरभाई दिल्ली दरबार की ब्रांच मरीन लाइन्स, माहिम, ग्रांट रोड, जोगेश्वरी, वाशी, डोंगरी, मोहम्मद अली रोड में स्थित है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जफरभाई मंसूरी को ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पर वह दो सितंबर से वेंटिलेटर पर थे। जफरभाई को मरीन लाइन्स स्थित कब्रिस्तार में दफ़्न किया गया। वो अपने पीछे 4 बेटे और 3 बेटियों को छोड़कर चले गए। जफरभाई के निधन पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता नवाब मलिक ने शोक जताया है।
Saddened to hear about the demise of Mr.Jaffer Bhai Mansuri of Delhi Darbar. May the almighty grant him jannah. Condolences and strength with the family in the hour of grief. pic.twitter.com/3MMWwvGa6Y
— Nawab Malik نواب ملک नवाब मलिक (@nawabmalikncp) September 10, 2020
मुंबई को चखाया मुगलई का स्वाद
जफरभाई ने जफरभाई दिल्ली दरबार के जरिए मुंबईवासियों को मुगलई स्वाद का चस्का लगाया। अंग्रेजी समाचार पत्र द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जफरभाई ने ही मुंबई को मुहलई खाने के शौकीनों का पसंदीदा अड्डा बनाया था। जफरभाई के रेस्त्रां में बिरयानी के अलावा कई तरह की स्वादिष्ट डिशेज मिलती है जिसे खाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
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जानकारों के मुताबिक जफरभाई काफी विनम्र स्वभाव के थे। वो हमेशा ही गेस्ट को साथ में खाना खाने के लिए इनवाइट जरूर करते थे। जफरभाई को खाने के साथ-साथ गजल और मुशायरों का भी काफी शौक था। तभी तो वह कई दफा कव्वालियों की महफिलों में शरीक हो चुके हैं।
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