जगन्नाथ रथ यात्रा: सुप्रीम कोर्ट पहुंचे संबित पात्रा, भक्तों की मंडली के बिना मांगी यात्रा की इजाजत

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भारत के प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबड़े की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की पीठ ने 18 जून को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस साल ओडिशा की तीर्थ नगरी में रथयात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती। पात्रा ने कहा, ‘‘आशा करतें हैं कि परमात्मा हमारी प्रार्थनाएं सुनेगा।’

नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर पुरी की भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा पर रोक लगाने वाले अपने आदेश की समीक्षा करे। पात्रा ने ट्वीट किया है, ‘‘आज मैंने उच्चतम न्यायालय के पुराने आदेश पर स्पष्टीकरण/समीक्षा के लिए एक अर्जी दी है और 23 जून को पुरी में श्री जगन्नाथ महाप्रभु की पवित्र रथ यात्रा की अनुमति देने का अनुरोध किया है।’’ भाजपा नेता पात्रा को 2019 में पुरी लोकसभा सीट पर बीजद के पिनाकी मिश्रा के हाथों हार मिली थी। 

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पुरी में नौ दिन लंबा रथ यात्रा समारोह 23 जून से शुरू होने वाला था। भारत के प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबड़े की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की पीठ ने 18 जून को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस साल ओडिशा की तीर्थ नगरी में रथयात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती है। पात्रा ने कहा, ‘‘आशा करतें हैं कि परमात्मा हमारी प्रार्थनाएं सुनेगा।’’ विश्व हिन्दू परिषद के महासचिव मिलिंद परांडे ने रविवार को कहा कि रथ यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि उसका आयोजन कोविड-19 दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए भी किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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