मुख्यमंत्री ने पांच ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस को रवाना किया

Jai Ram Thakur

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज ओक ओवर से कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत महिंद्रा ग्रुप द्वारा प्रदान की गई पांच ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

शिमला, 05 अगस्त---  मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज ओक ओवर से कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत महिंद्रा ग्रुप द्वारा प्रदान की गई पांच ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

जय राम ठाकुर ने इस परोपकारी कार्य के लिए महिंद्रा ग्रुप का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ये एंबुलेंस मरीजों को राहत प्रदान करने के प्रदेश सरकार के प्रयासों में सहायक सिद्ध होगी।

उन्होंने कहा कि ये एंबुलेंस आईजीएमसी शिमला, किन्नौर, कंडाघाट, जंजैहली और नुरपुर अस्पताल को प्रदान की जाएंगी। उन्होंने जिला कांगड़ा के देहरा में 500 एलपीएम पीएसए आॅक्सीजन संयंत्र स्थापित करने के लिए भी महिंद्रा ग्रुप का आभार व्यक्त किया, जिससे महामारी के इस कठिन समय में क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित होंगी।स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी, प्रेजिडेंट महिंद्रा ग्रुप के कार्यकारी सहायक यशवर्धन वर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।            मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया कि  सरकार ने कोविड महामारी की संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत बच्चों की सुरक्षा और बच्चों के कोविड मामलों के लिए व्यवस्था करने को प्राथमिकता दे रही है। बच्चों की चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था के लिए जिलों और मेडिकल कॉलेजों को पहले ही प्रोटोकॉल भेजा जा चुका है। इस महामारी के दौरान बच्चों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग प्रभावी कदम उठा रहा है।

            यह सुनिश्चित किया जा रहा है, कि एसएनसीयू, पीडियाट्रिक एचडीयू, एनआईसीयू, पीआईसीयू को प्राथमिकता के आधार पर कार्यशील किया जाए। सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यो और जिला अस्पतालों, नागरिक अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिए गए है कि वे समर्पित कोविड अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं में वृद्धि करके या उपलब्ध सुविधाओं में बिस्तरों को चिह्नित कर बाल चिकित्सा वार्ड और नवजात इकाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। इन बिस्तरों को केंद्रीय ऑक्सीजन आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाए। वर्तमान में प्रदेश में 16 स्वास्थ्य संस्थानों में 224 एसएनसीयू बिस्तर उपलब्ध हैं। सभी स्तरों पर नवजात और बाल रोगियों के लिए एक उपयुक्त आपातकालीन जांच क्षेत्र और उपचार सेवाएं सृजित करने के निर्देश दिए गए हैं। उपचार से संबंधित सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे उपचार में उपयोग होने वाली वस्तुएं, ऑक्सीजन स्पोर्ट, रेफरल स्पोर्ट, टेलीमेडिसिन सुविधा आदि सुनिश्चित की जा रही हैं। बाल रोग विशेषज्ञों, चिकित्सा अधिकारियों, बाल चिकित्सा देखभाल के लिए तैनात की जाने वाली नर्सों आदि के लिए भी अस्पताल प्रभारी द्वारा योजना तैयार की जाएगी। विभाग ने एसएनसीयू में सभी अक्रियाशील उपकरणों को जल्द से जल्द क्रियाशील करने के भी निर्देश दिए हैं।

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