पर्यावरण मंत्रालय की समितियों के परियोजनाओं को मंजूरी देने पर जयराम रमेश ने जताई आपत्ति, रोक लगाने की मांग की

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जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘यह बहुत खराब बात है लेकिन जाहिर तौर पर हैरानी की नहीं है। संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष के नाते मैं अपना कठोर से कठोर विरोध दर्ज कराता हूं और तत्काल समीक्षा एवं रोक लगाने का आग्रह करता हूं।’’

नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की विभिन्न समितियों द्वारा लॉकडाउन के दौरान परियोजनाओं को मंजूरी दिये जाने पर कड़ी आपत्ति जताई और इनकी समीक्षा करने तथा इन पर रोक लगाने की मांग की। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष रमेश ने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर मामले में गंभीर चिंता प्रकट करते हुए आपत्ति व्यक्त की है। सूत्रों ने कहा कि संसदीय समिति की अगली बैठक में इस विषय को उठाया जाएगा। 

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रमेश ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘यह बहुत खराब बात है लेकिन जाहिर तौर पर हैरानी की नहीं है। संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष के नाते मैं अपना कठोर से कठोर विरोध दर्ज कराता हूं और तत्काल समीक्षा एवं रोक लगाने का आग्रह करता हूं।’’ वह इन खबरों का जिक्र कर रहे थे कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अनेक समितियों ने लॉकडाउन के दौरान जैवविविधता वाले जंगलों में 30 परियोजनाओं को मंजूरी दी है और उन पर चर्चा की है। जावड़ेकर को लिखे पत्र में पूर्व पर्यावरण मंत्री ने कहा कि वह इस घटनाक्रम से सबसे ज्यादा चिंतित और परेशान हैं, हालांकि पूरी तरह हैरान नहीं हैं। उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘दुनिया जिस सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से जूझ रही है वह गहरे पारिस्थितिकी संकट का सूचक है। इस अवसर पर ठहरकर विचार करना चाहिए। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस पर तथा अन्य मंजूरियों पर कम से कम लॉकडाउन की अवधि में तत्काल रोक लगाएं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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