जयराम ठाकुर और नड्डा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में

Jairam Thakur and Nadda in the claimants of Himachal Pradesh Chief Minister

हिमाचल प्रदेश में सुजानपुर सीट से भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल की स्तब्धकारी हार के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए होड़ शुरू हो गयी है तथा केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा एवं पांचवीं बार विधायक बने जयराम ठाकुर प्रबल दावेदार के रुप में उभरे हैं।

शिमला। हिमाचल प्रदेश में सुजानपुर सीट से भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल की स्तब्धकारी हार के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए होड़ शुरू हो गयी है तथा केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा एवं पांचवीं बार विधायक बने जयराम ठाकुर प्रबल दावेदार के रुप में उभरे हैं। भाजपा विधायक दल के नये नेता की खोज चल रही है और हिमाचल प्रदेश के पार्टी विषयक प्रभारी के यहां पहुंच जाने की उम्मीद है। वैसे पार्टी विधायक दल की अभी तक बैठक नहीं बुलायी गयी है लेकिन पार्टी आलाकमान ने केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण एवं नरेंद्र तोमर को विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।

वैसे भाजपा ने किसी भी नेता को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश नहीं करने का फैसला किया था, ऐसे में यह धारणा बनी थी कि नड्डा को यह शीर्ष पद मिलेगा। लेकिन नौ नवंबर के मतदान से महज नौ दिन पहले धूमल के नाम की घोषणा कर दी गयी। इस कदम का प्रत्याशित परिणाम नहीं आया तथा न केवल धूमल अपना चुनाव हार गये बल्कि गुलाब सिंह, रवींद्र सिंह रवि, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, रणधीर शर्मा, के एल ठाकुर और विजय अग्निहोत्री जैसे उनके कट्टर समर्थक भी पराजित हो गये।

एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने कहा, ‘‘इस पद के लिए कई वरिष्ठ एवं अनुभवी नेता नहीं हैं लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि नेता का फैसला आलाकमान करेगा एवं पर्यवेक्षक को तद्दनुसार ब्रीफ किया जाए। ’’ धरमपुर से सातवीं बार चुनाव जीते मोहिंदर सिंह, पांचवीं बार के विधायक राजीव बिंदल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश भारद्वाज और कृष्ण कपूर के नामों भी चर्चा है।

भारद्वाज और कपूर चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं।एक धड़ा अब भी धूमल की गहरी पैरोकारी कर रहा है। उसका दावा है कि चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया था। कुतलेहर से भाजपा विधायक वरिंदर कंवर पहले ही धूमल के लिए सीट खाली करने की पेशकश कर चुके हैं। लेकिन पराजित नेता को मुख्यमंत्री चुनने की संभावना बहुत कम है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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