जयशंकर का पाक पर बड़ा हमला, कहा- आतंकवाद का उद्योग उसे सामान्य पड़ोसी नहीं बनाता

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[email protected] । Jun 27 2019 9:31AM

जयशंकर ने कहा कि मेरे ख्याल से आज बड़ी समस्या यह है कि क्या पाकिस्तान एक सामान्य देश और एक सामान्य पड़ोसी के रूप में व्यवहार करने के लिए तैयार है।

लंदन। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान के सहयोग से ‘बड़े पैमाने पर आतंकवाद का फलता-फूलता उद्योग’ वहां की सरकार को ‘एक सामान्य पड़ोसी’ की तरह व्यवहार करने से रोकता है। लंदन के पास बकिंघमशायर में ‘यूके इंडिया-वीक’ के हिस्से के तौर पर आयोजित ‘लीडर्स सम्मिट’ को नई दिल्ली से वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करते हुए जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय कानून आधारित व्यवस्था में खलल डालने वाले देशों की आलोचना करने के लिए ब्रिटेन जैसे मुल्कों से और सक्रिय होने का आह्वान किया क्योंकि पाकिस्तान आज जो कर रहा है उससे ब्रिटेन समेत शेष विश्व खासा प्रभावित होता है। उन्होंने कहा ‘‘ इस तरह से देश के सहयोग से बड़े पैमान पर आतंकवाद का फलता-फूलता उद्योग है क्योंकि वह देश सोचता है कि यह पड़ोसी के खिलाफ एक जरूरी तरीका है... यह भारत को कतई स्वीकार्य नहीं है और ज्यादा से ज्यादा देश इस विचार से सहमति जता रहे हैं।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘मेरे ख्याल से आज बड़ी समस्या यह है कि क्या पाकिस्तान एक सामान्य देश और एक सामान्य पड़ोसी के रूप में व्यवहार करने के लिए तैयार है। मैं नहीं समझता कि आज दुनिया में कहीं भी आपको ऐसा देश मिलेगा जिसने आतंकवादी कृत्य का उद्योग तैयार किया है।’’ विदेश मंत्री ने कहा कि गैर-भेदभावपूर्ण व्यापार के लिए पाकिस्तान को सबसे तरजीह राष्ट्र का दर्जा दिया लेकिन पाकिस्तान ऐसा करने में विफल रहा। उन्होंने कहा ‘‘ कनेक्टिविटी दक्षिण एशिया के केंद्र में है लेकिन पाकिस्तान भारत से संबंधित कनेक्टिविटी का विरोध कर रहा है। तो चुनौती यह है कि अगर एक देश आतंकवाद का इस्तेमाल करता है, सामान्य व्यापार नहीं करता है, कनेक्टिविटी को बाधित करता है तो भारत ऐसे मुल्क के साथ कैसे काम कर सकता है?’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ यह कोई आसान चुनौती नहीं है। हम इससे वर्षों से जूझ रहे हैं। यह कोई ऐसी चुनौती नहीं जिससे हम अकेले निपट सकते हैं।’’ मंत्री ने कहा कि वह ‘निराशावादी दृष्टिकोण’ अख्तियार नहीं करते हैं और भारत पाकिस्तान के बीच अच्छे रिश्तों से बड़कर उनके लिए कोई खुशी नहीं हो सकती है, लेकिन मौजूदा हालात में हमारे सामने यह शायद सबसे मुश्किल चुनौती है। जयंशकर ने कहा कि भारत मुद्दे पर मजबूत वैश्विक सहमति की उम्मीद करता है ताकि पाकिस्तान पर सही चीज़े करने के लिए दबाव डाला जा सके और समझाया जा सके।

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