जो राज्य सामाजिक जोड़तोड़ से चलते हैं वहां नहीं शुरू हो पाता निवेश: जेटली
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ''इन्वेस्टर्स समिट'' को उत्तर प्रदेश का एजेंडा बदलने का बड़ा प्रयास बताते हुए कहा कि अगर राज्य सामाजिक जोड़ तोड़ से चलते हैं तो निवेश का चक्र कभी नहीं शुरू हो सकता।
लखनऊ। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 'इन्वेस्टर्स समिट' को उत्तर प्रदेश का एजेंडा बदलने का बड़ा प्रयास बताते हुए कहा कि अगर राज्य सामाजिक जोड़ तोड़ से चलते हैं तो निवेश का चक्र कभी नहीं शुरू हो सकता। जेटली ने यहां दो दिवसीय उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट 2018 के समापन समारोह में कहा, 'एक वाक्य में कहूं तो यह (इन्वेस्टर्स समिट) उत्तर प्रदेश के एजेंडा को बदलने का बहुत बड़ा प्रयास है।' उन्होंने कहा, 'निवेश से आरंभ होती है आर्थिक गतिविधि। जहां आर्थिक गतिविधि होती है, वहां रोजगार होता है। उसी से सरकारों का राजस्व बढता है। जब शासन की जेब में साधन होते हैं तो गरीब की भी वो ज्यादा सेवा कर सकता है। सामाजिक एवं भौतिक इन्फ्रास्ट्रक्चर ज्यादा बना सकता है तो फिर निवेश करने वाले को लगता है कि शायद यहां निवेश करना बेहतर होगा ...।'
उन्होंने कहा, '... तो फिर और निवेश बढता है। जब निवेशक और निवेश करता है तो उससे ज्यादा आर्थिक गतिविधि होती है। रोजगार के अवसर बढते हैं। राजस्व के साधन बढते हैं। ये चक्र अपने आप में चलता है।' जेटली ने कहा, 'लेकिन अगर राजनीतिक एजेंडा ये रहे जो इस प्रांत का कई बार दुर्भाग्य रहा कि केवल सामाजिक जोड़ तोड़ से समाज और राज्य चलते हैं तो निवेश का ये चक्र कभी शुरू नहीं हो सकता और उसका स्वाभाविक लाभ नहीं मिल सकता।' वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारें बदलती हैं, मंत्री और मुख्यमंत्री बदलते हैं, लेकिन हर बदलाव से प्रांत की स्थिति में कोई परिवर्तन आता है, ये आवश्यक नहीं है इसलिए जब इतिहास लिखा जाता है तो हर नेतृत्व की पहचान इससे याद रहती है कि वह अपने पांव की छाप किस दिशा में छोड़कर गया है। योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की ये सरकार एक नया इतिहास लिखने का प्रयास कर रही है। यहां सोच में परिवर्तन है। चर्चा के विषय बदल रहे हैं। भाषा और शैली में परिवर्तन है। राजनीतिज्ञों के कार्यक्रम में जिस शब्दावली का प्रयोग होता है उसमें भी अपने आप में परिवर्तन है।
जेटली ने निवेशकों के सम्मेलन को लेकर कहा कि सम्मेलन से किसी भी प्रांत, देश और समाज की आर्थिक स्थिति का पहला परिवर्तन आरंभ होता है। आज निवेशक के मन में यह विकल्प है कि देश के किस प्रांत को वो चुनें। वैश्वीकरण के इस युग में किस प्रांत को चुनें। यही पसंद उसके मन में नहीं है बल्कि विश्व के किस देश को चुनें ये भी पसंद उसे करनी है इसलिए जब तक देश या प्रांत उस निवेशक के लिए एक आकर्षक केन्द्र नहीं बन सकता तो निवेशक क्यों आएगा। उन्होंने कहा कि नेतृत्व वो हो जो निर्णय लेने की क्षमता रखता हो। पूरे उत्तर प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री की ओर देखती है क्योंकि कडे, कडवे और कठिन निर्णय लेने की क्षमता जनता को योगी में दिखती है। उन निर्णयों की दिशा क्या हो, उनकी गति क्या हो, निवेशक ये भी देखता है और ये क्षमता भी योगी के नेतृत्व में उनको दिखती है।
वित्त मंत्री ने कहा कि निवेशक उस प्रांत में जाता है जहां का नेतृत्व उस प्रांत को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की क्षमता रखता है। ये क्षमता भी मुख्यमंत्री (योगी) में निवेशकों को दिखी। जहां कानून व्यवस्था का एक स्तर हो और उसकी कोई चुनौती ना हो। मौजूदा सरकार ने 11 महीने में साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश में कानून वयवस्था अच्छे ढंग की स्थापित हो सकती है। 'जिस दिशा में आप ले जा रहे हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि ये जो कदम आपने (योगी ने) उठाया है। इतनी बडी संख्या में जो लोग आये हैं, उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में मौलिक परिवर्तन लाने में आप सफल होंगे।' उन्होंने कहा कि योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में राजनीतिक स्थिरता का युग है। केन्द्र सरकार जितने अधिक साधन दे रही है, राज्य के साधन उसमें जुडते हैं तो गांव की सडक से लेकर ग्रामीण निवास, शौचालय, बिजली, ग्रामीण बुनियादी ढांचे की जो आवश्यकता है वो बहुत बडी आर्थिक प्रगति की पहचान का केन्द्र बन सकता है। जेटली ने कहा कि 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' क्लस्टर एप्रोच है। नोएडा इलेक्ट्रानिक उद्योग का केन्द्र बन रहा है। सबसे अधिक उपभोक्ता उत्तर प्रदेश में हैं। उत्तर प्रदेश दिल्ली के साथ सबसे निकट है। उसका स्वाभाविक लाभ उत्तर प्रदेश को मिलने वाला है।
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