राहुल को जेटली का जवाब, कहा- योजनाओं के नाम पर छल कपट है कांग्रेस

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सत्ता में आने पर पांच करोड़ गरीब परिवारों को हर साल 72,000 रुपये देने के वादे को लोगों को झांसा देने वाली घोषणा बताया।
नयी दिल्ली। राहुल गांधी द्वारा सरकार में आने के बाद ‘न्यूनतम आय गारंटी’ योजना लागू करने की घोषणा को जनता से बड़ा ‘‘धोखा’’ करार देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास गरीबी हटाने का नहीं बल्कि योजनाओं के नाम पर छल कपट का रहा है और देश के गरीब विपक्षी पार्टी के ‘छल कपट’ में नहीं आयेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जो वादा कर रही है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले से उससे ज्यादा गरीबों को दे रहे हैं। जेटली ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों द्वारा 5.34 लाख करोड़ रुपये दिया जा रहा है।’’ गांधी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आने के बाद देश के सबसे अधिक गरीब 5 करोड़ गरीब परिवारों को न्यूनतम आय गारंटी के तहत सालाना 72,000 रुपये देगी।
Finance Minister Arun Jaitley: Indira ji won election in 1971 on 'gareebi hatao' but she didn't take the necessary steps to remove poverty. She did not believe in increased productivity, she did not believe in generation of wealth, she only believed in redistribution of poverty. pic.twitter.com/8Ybq2HcnIX
— ANI (@ANI) March 25, 2019
इस पर जेटली कहा कि आज केंद्र सरकार 55 विभागों की योजनाओं के लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से बैंक के खाते में सीधे लाभ दे रही है। इसके अलावा अलग-अलग योजनाओं में 1.8 लाख करोड़ रुपये किसानों के खातें में पहुंचा रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान योजना के 75 हजार करोड़ रूपये प्रति वर्ष, उवर्रक के मद में सब्सिडी की राशि, स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में 20 हजार करोड़ रूपये, सामाजिक क्षेत्र में दी जाने वाली राशि, उज्जवला योजना, शौचालय योजना आदि को जोड़ लें तब यह राशि और अधिक हो जाती है। कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए जेटली ने कहा, ‘‘कांग्रेस का इतिहास गरीबी और गरीबी हटाने के नाम पर राजनीतिक व्यवसाय का रहा है। उनका इतिहास गरीबी हटाने का नहीं रहा है, बल्कि योजनाओं के नाम पर छल कपट का रहा है।’’ जेटली ने कि नेहरू मॉडल से आर्थिक वृद्धि धीमी हुई। इंदिरा गांधी ने 1971 में गरीबी हटाओ का नारा दिया। इससे गरीबी घटने के बजाय बढ़ी। वित्त मंत्री ने इस संदर्भ में इंदिरा गांधी के कार्यकाल के गरीबी हटाओ नारे के साथ राजीव गांधी तथा संप्रग के 10 वर्षो के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस के कार्यकाल में छल-कपट, धोखा होता रहा है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस गरीबी हटाने के लिए आवश्यक काम जैसे अर्थव्यवस्था को बढ़ाने, समाज में आमदनी बढ़ाने से संबंधित कभी कोई नीति नहीं लाई।
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जेटली ने कहा, ‘‘कांग्रेस की नीति रही है कि चुनाव जीतने के लिए गरीब को धोखा देना और साधन न देना। कांग्रेस पार्टी का इतिहास रहा है कि गरीब को नारे दो और साधन मत दो।’’ जेटली का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर देश के हर गरीब परिवार को सालाना 72 हजार रुपये दिए जायंगे। राहुल ने इसे गरीबी पर ‘आखिरी प्रहार’ करार देते हुए कहा कि इससे देश के पांच करोड़ परिवारों यानी 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जा सकेगा। इस पर जेटली ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘ यह छल कपट है। वो (राहुल गांधी) जितनी राशि की बात कर रहे हैं, उससे डेढ़ गुणा राशि तो हम पहले से ही दे रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि हमारी योजनाओं के तहत गरीबों को राशि आठ स्रोतों से प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) के जरिये पहुंचे रही है। और इसलिये इसमें छल कपट करने से कोई लाभ नहीं होगा क्योंकि देश का गरीब अब इस छलाबे में नहीं आयेगा। संप्रग सरकार की कर्जमाफी योजना पर निशाना साधते हुए जेटली ने आरोप लगाया कि साल2008 में कर्जमाफी के लिए 70 हजार करोड़ का कर्ज माफ करने की बात कही गई, लेकिन कर्जमाफी हुई 52 हजार करोड़ की और इसमें भी दिल्ली के बड़े व्यापारियों को लाभ दिया गया।
राहुल गांधी की 72,000 रुपये देने की घोषणा झांसा देने वाली: जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सत्ता में आने पर पांच करोड़ गरीब परिवारों को हर साल 72,000 रुपये देने के वादे को लोगों को झांसा देने वाली घोषणा बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जो वादा कर रही है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले से उससे ज्यादा गरीबों को दे रहे हैं। जेटली ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘सामान्य गणित पर कांग्रेस पार्टी की घोषणा को आंका जाए तो 72,000 रुपये मोदी सरकार में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये गरीबों को विभिन्न सब्सिडी मद में दिए जा रहे औसतन सालान 1.068 लाख रुपये से कहीं कम है। अत: कांग्रेस पार्टी जो भी वादा कर रही है, वह सिर्फ झांसा देने वाली घोषणा है।’’
