जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने की अलीगढ़ में होने वाली धर्म संसद पर रोक लगाने की मांग, चुनाव आयोग को लिखा पत्र

Jamiat Ulema-e-Hind
प्रतिरूप फोटो

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के ज़िला अध्यक्ष मौलाना मो. फाज़ील ने बताया कि 22-23 जनवरी को धर्म संसद का आयोजन होना है हमारी चुनाव आयोग और राज्य सरकार से मांग है कि इसे ना किया जाए। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने चुनाव आयोग को ऑनलाइन पत्र भेजकर धर्म संसद के आयोजन पर रोक लगाने की मांग की।

नयी दिल्ली। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अगले सप्ताह होने वाली 'धर्म संसद' पर रोक लगाने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। मुस्लिम संगठन ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि धर्म संसद पर रोक लगाई जाए क्योंकि इसका मकसद चुनावों के सांप्रदायिक आरोप-प्रत्यारोप को सार्वजनिक विमर्श में लाना है। 

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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के ज़िला अध्यक्ष मौलाना मो. फाज़ील ने बताया कि 22-23 जनवरी को धर्म संसद का आयोजन होना है हमारी चुनाव आयोग और राज्य सरकार से मांग है कि इसे ना किया जाए। आपको बता दें कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने चुनाव आयोग को ऑनलाइन पत्र भेजकर धर्म संसद के आयोजन पर रोक लगाने की मांग की।

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इसके अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अलीगढ़ के जिला अधिकारी से आग्रह किया। मुस्लिम संगठन ने पत्र में हरिद्वार में हुई धर्म संसद का उल्लेख किया। मुस्लिम संगठन ने कहा कि धर्म संसद में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से जवाब मांगा है। उसने कहा कि विधानसभा चुनावों के समय ऐसे आयोजनों पर रोक लगाई जानी चाहिए।

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