जनता दल यू ने कहा- भाजपा के साथ संबंध ज्यादा सहज थे

Janata Dal in Bihar in very tough time to support Ram Nath Kovind
[email protected] । Jun 28 2017 3:06PM

केसी त्यागी का मानना है कि भाजपा के साथ गठबंधन ही ज्यादा सहज था। जदयू के महासचिव त्यागी ने स्पष्ट कहा कि भाजपा के साथ ''विचारधारा'' को लेकर दिक्कत थी, लेकिन वे ज्यादा सहज थे।

रामनाथ कोविंद को राजग के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के भाजपा के फैसले के बाद उठे घटनाक्रम में बिहार में जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन बेहद कठिन दौर में पहुंच गया है जहां नीतीश कुमार की पार्टी भाजपा के साथ पूर्व में अपने गठबंधन को अधिक सहज बता रही है तो दूसरी ओर भाजपा प्रधानमंत्री और नीतीश कुमार के बीच एक दूसरे के प्रति स्वाभाविक सम्मान के भाव की दुहाई दे रही है।

रामनाथ कोविंद को राजग के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने के फैसले के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी एकजुटता को झटका देकर कोविंद को समर्थन देने का फैसला किया है, जिसे कांग्रेस के साथ खड़ी कुछ दूसरी पार्टियों की ओर से विपक्षी एकजुटता के मार्ग में बाधक के रूप में देखा जा रहा है। इस बीच, कांग्रेस ने बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन की साझीदार जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार पर पहला बड़ा हमला बोला है। अभी तक इस मामले को लेकर कांग्रेस नीतीश या जदयू को निशाने पर लेने से बचती दिखी थी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि जो लोग एक सिद्धांत में भरोसा करते हैं, वे सिर्फ एक फैसला लेते हैं। आजाद के मुताबिक, जिन लोगों को कई सिद्धांतों में भरोसा है, वे कई तरह के फैसले लेते हैं। उन्होंने कहा, 'वह (नीतीश) पहले ऐसे शख्स थे जिन्होंने बिहार की दलित की बेटी को हराने का फैसला किया है, हम नहीं।' उल्लेखनीय है कि विपक्ष की ओर से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाने के फैसले पर नीतीश ने कहा था कि विपक्षी गठबंधन ने बिहार की बेटी को हराने के लिए मैदान में उतारा है।

भारतीय जनता पार्टी ने जदयू अध्यक्ष की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी निजी छवि को लगातार बनाकर रखा है लेकिन उनके सहयोगी दलों राजद और कांग्रेस के नेताओं के भ्रष्ट और आपराधिक कारनामे उनके लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। पार्टी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, 'बिहार में गठबंधन आंतरिक गतिरोधों से भरा हुआ है। प्रधानमंत्री और नीतीश कुमार के बीच एक दूसरे के प्रति स्वाभाविक सम्मान है लेकिन गठबंधन सहयोगियों के बीच खुले हमले एक बड़े मंथन का संकेत हैं। ऐसा लगता है कि गठबंधन ढहने के कगार पर है।'

जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का मानना है कि जेडीयू का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन ही ज्यादा सहज था। जदयू के महासचिव केसी त्यागी ने स्पष्ट कहा कि भाजपा के साथ 'विचारधारा' को लेकर दिक्कत थी, लेकिन वे ज्यादा सहज थे। उन्होंने हैरानी जताई कि ऐसे समय में जब कांग्रेस को बड़े राष्ट्रीय दल होने के कारण विवाद को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए थे तो पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने नीतीश कुमार पर जो टिप्पणी की वह पूरी तरह आपत्तिजनक है।

इन घटनाक्रमों के बीच बिहार के महागठबंधन में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। नीतीश के कोविंद को समर्थन की वजह से जदयू और राजद में जुबानी जंग तेज हो गई है। दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। यहां तक कि लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार को ऐसी ऐतिहासिक भूल करने से बचने की नसीहत दी और राजद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा था कि विपक्ष की पसंद के खिलाफ राजग उम्मीदवार को समर्थन देकर नीतीश कुमार ने राजनीतिक अपरिपक्वता का प्रदर्शन किया है।

वहीं, नीतीश ने मीरा को विपक्षी उम्मीदवार बनाए जाने पर कहा था कि क्या दलित की बेटी को हारने के लिये उम्मीदवार बनाया गया। उल्लेखनीय है कि कोविंद का राष्ट्रपति चुनाव जीतना तय माना जा रहा है क्योंकि गैर राजग दलों का भी पर्याप्त समर्थन कोविंद को मिलता नजर आ रहा है।

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