झारखंड में राज्यसभा चुनाव में डराने धमकाने का आरोप

[email protected] । Jul 26 2016 2:30PM

विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ दल पर अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए वोट डालने वालों को कथित रूप से डराने का आरोप लगाया और कहा कि चुनावों की गरिमा बरकरार रखी जानी चाहिए।

राज्यसभा के लिए हाल ही में हुए द्विवार्षिक चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ दल पर अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए वोट डालने वालों को कथित रूप से डराए धमकाए जाने का आरोप लगाया और कहा कि उच्च सदन के चुनावों की गरिमा बरकरार रखी जानी चाहिए। इन सदस्यों ने यह भी मांग की कि उस सीडी की जांच सदन की समिति से कराई जानी चाहिए जिसमें एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की ऑडियो रिकॉर्डिंग है। अधिकारी रिकॉर्डिंग में एक विपक्षी विधायक के पति को सत्तारूढ़ दल के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए कथित तौर पर धमकी दे रहे हैं।

झामुमो के संजीव कुमार ने आज शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि मतदान से ठीक पहले दो विपक्षी विधायकों को एक पुराने मामले को लेकर डराया गया तथा उनकी पार्टी के एक विधायक को एक हल्के मामले के संबंध में गिरफ्तार कर लिया गया ताकि वह मतदान में हिस्सा न ले सके। संजीव कुमार ने कहा कि जेल में बंद विधायकों को मतदान की अनुमति दी गई लेकिन तीन विपक्षी विधायक मतदान नहीं कर सके जिसके चलते सत्तारूढ़ दल का प्रत्याशी एक वोट से जीत गया।

किसी का भी नाम लिए बिना संजीव कुमार ने कहा कि सत्तारूढ़ दल विपक्षी विधायकों को लुभाने से लेकर डराने धमकाने तक का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि सीडी में साफ पता चलता है कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने एक विपक्षी विधायक के पति को कथित तौर पर डराया धमकाया। स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, सीडी में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और कांग्रेस विधायक निर्मला देवी के पति योगेन्द्र साव के बीच हुई कथित बातचीत है। साथ ही सीडी में साव और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार के बीच की कथित बातचीत भी है। संजीव कुमार ने कहा कि सीडी की एक प्रति गृह मंत्री को दे कर कार्रवाई की मांग की जाएगी। साथ विपक्षी नेताओं को भी इसकी प्रतियां दी जाएंगी। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कथित तौर पर संबद्ध अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार के लिए डराना धमकाना आम बात है। आजाद ने कहा कि इस तरह के गैर-लोकतांत्रिक कृत्य पूरी तरह अस्वीकार्य हैं। उन्होंने मांग की कि इस मुद्दे की जांच के लिए सदन की समिति बनाई जानी चाहिए जो इस पर कार्रवाई की सिफारिश भी करे।

जदयू के शरद यादव ने कहा कि राज्यसभा के चुनावों में अनियमितताएं बहुत गंभीर मुद्दा है और इसकी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्च सदन के चुनावों की गरिमा बरकरार रखी जानी चाहिए। माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि सीडी की जांच की जानी चाहिए और जो भी दोषी पाया जाए, उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने भी सदन की समिति बनाए जाने और कथित घटना की जांच किए जाने की मांग की। अनियमितताओं के आरोपों को खारिज करते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने की चुनाव आयोग की क्षमता पर पूरा भरोसा है। नकवी ने कहा कि उच्च सदन के चुनाव में धांधली के आरोप सत्य से परे हैं और अगर सबूत पेश किया जाता है तो प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इस पर विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया। उप सभपति पीजे कुरियन ने सदस्यों को शांत करते हुए कहा कि सरकार ने कहा है कि अगर सीडी दी जाती है तो वह उसकी जांच करने के लिए तैयार है। इस पर आनंद शर्मा ने कहा कि अगर आरोपी खुद ही सबूतों की जांच करे तो न्याय कैसे होगा।

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