महिला की भूख से मौत के दावे को झारखंड के मंत्री ने किया खारिज

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[email protected] । Nov 7 2019 5:51PM

झारखंड के खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के मंत्री राय ने मंगलवार को गिरिडीह के चिरुडीह गांव में सावित्री नामक 48 वर्षीया महिला की मौत भूख से होने के दावे को गलत बताया है।खबरों के अनुसार कुछ स्थानीय पत्रकारों ने चिरूडीह गांव में मंगलवार को हुई सावित्री की मौत के लिए भुखमरी को जिम्मेदार बताया था।खबरों में कहा गया कि सावित्री के पति रमेश तुड़ी के दावे के अनुसार वह मंगलवार को भुखमरी का शिकार हो गयी।

रांची। झारखंड के गिरिडीह जिले के चिरूडीह गांव में एक महिला की भूख से मौत के उसके परिजनों के दावे को राज्य के खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के मंत्री सरयू राय ने गलत बताया है और कहा कि प्रारंभिक जांच में ही मृतका के घर पर अनाज आदि पाया गया है। झारखंड के खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के मंत्री राय ने मंगलवार को गिरिडीह के चिरुडीह गांव में सावित्री नामक 48 वर्षीया महिला की मौत भूख से होने के दावे को गलत बताया है।खबरों के अनुसार कुछ स्थानीय पत्रकारों ने चिरूडीह गांव में मंगलवार को हुई सावित्री की मौत के लिए भुखमरी को जिम्मेदार बताया था।खबरों में कहा गया कि सावित्री के पति रमेश तुड़ी के दावे के अनुसार वह मंगलवार को भुखमरी का शिकार हो गयी।

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उसने बताया कि उसने राशन कार्ड के लिए कुछ माह पूर्व आवेदन दिया था। लेकिन उसका कार्ड अबतक नहीं बना और घर में कुछ खाने के लिए न होने से ही उसकी पत्नी की मौत हो गयी।दूसरी ओर उसके दावे को गलत बताते हुए स्थानीय उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने बताया कि घर के अन्य सदस्य स्वस्थ हैं और मृतका के घर अनाज और अन्य वस्तुएं हैं। इस बीच गिरिडीह के आपूर्ति अधिकारी पवन मंडल ने बताया कि जांच में मृतका के घर चार किलो चावल, एक किलो दाल और आलू आदि मिला है। जिला उपायुक्त ने बताया कि मृतका के परिजन खेतीबाड़ी का काम करते हैं। सरयू राय ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आजकल भुखमरी रोकने के लिए सख्तप्रावधान हैं और वास्तव में अन्न की कमी वाले परिवारों को अन्नपूर्णा योजना के तहत राशन देने की व्यवस्था है। जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं उन्हें भी आवश्यक होने पर अन्न देने के लिए अनाज बैंक हैं।

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मुखिया को दस हजार रुपये दिये जाते हैं जिससे ऐसे किसी मामले में परिवार की मदद की जा सके।उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में भुखमरी संभव नहीं है लेकिन यदि इस तरह की बात साबित होगी तो संबद्ध अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।जांच में यह भी पता चला कि महिला का बड़ा पुत्र ऋण लेकर गांव में ही पक्का मकान बना रहा है। उसके अन्य बच्चे भी स्वस्थ हैं।स्थानीय चिकित्सा प्रमुख डा. अवधेश कुमार सिन्हा ने कहा कि महिला के पति और अन्य परिजनों ने भुखमरी की पुष्टि के लिए शव का अंत्यपरीक्षण नहीं होने दिया।

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