राज्यसभा में बोले जावडेकर, जियो संस्थान को नहीं दिया उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा

Jio Institute Not Declared Institution of Eminence, says Prakash Javadekar
[email protected] । Jul 26 2018 4:31PM

सरकार ने राज्यसभा में कहा कि जियो संस्थान को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा नहीं दिया गया है बल्कि विभिन्न शर्तो के साथ एक आशयपत्र देने की सिफारिश की गई है।

नयी दिल्ली। सरकार ने राज्यसभा में कहा कि जियो संस्थान को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा नहीं दिया गया है बल्कि विभिन्न शर्तो के साथ एक आशयपत्र देने की सिफारिश की गई है। उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न दलों के सदस्यों ने सरकार से स्पष्टीकरण देने की मांग करते हुये कहा कि किस मानदंड के आधार पर चुनिंदा संस्थानों को इस प्रतिष्ठित दर्जे देने के लिए चुना गया।

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि पूरी जांच के बाद विशेषज्ञों की एक समिति ने इसका चयन किया। उन्होंने स्पष्ट तौर कहा कि जियो संस्थान को उत्कृष्ट संस्थान घोषित नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि जियो संस्थान को आशय पत्र प्रदान करने के संबंध में एक समिति की ओर से सिफारिश की गई है। समिति की ओर से जिस संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा देने की सिफारिश की गई उनमें भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलूरु, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बंबई शमिल हैं।

मंत्री ने अपने उत्तर में कहा कि बिड़ला प्रौद्योगिकी विज्ञान संस्थान, पिलानी, मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी, मणिपाल और जियो संस्थान को आशय पत्र जारी करने के संदर्भ में सिफारिश की गई है। भाकपा के डी राजा ने जानना चाहा कि बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले आईआईटी चेन्न्ई अथवा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को इसमें क्यों नहीं शामिल किया गया? इस पर मंत्री ने कहा कि जांच का काम एक समिति ने किया है और सरकार ने इसमें अपनी दूरी बनाये रखी है।

इससे पूर्व एक अन्य प्रश्न के उत्तर में जावडेकर ने देश में शिक्षण संस्थानों के आधारभूत ढांचा क्षेत्र की स्थितियों में सुधार लाने के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2020 तक की अवधि के लिए समग्र शिक्षा योजना के तहत 75,000 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी गई है जो इस काम के लिए मौजूदा आवंटन से 20 प्रतिशत ज्यादा है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यालयों में पुस्तकालयों को बेहतर करने के लिए 5,000 रुपये से 20,000 रुपये के वार्षिक अनुदान को मंजूरी दी गई है जबकि समग्र विद्यालय अनुदान को 14,500 रुपये से 50,000 रुपये तक से बढ़ाकर 25,000 रुपये से एक लाख रुपये तक किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा खेल उपकरणों के संदर्भ में प्राथमिक विद्यालयों के लिए 5,000 रुपये, अपर प्राथमिक विद्यालयों के लिए 10,000 रुपये तथा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विघालयों के लिए 25,000 रुपये के लागत वाले वार्षिक अनुदान दिये गये हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़