पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र सिंह निलंबित, आतंकवादियों को दिया था अपने आवास में आश्रय

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[email protected] । Jan 14 2020 8:49AM

जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी देवेंद्र सिंह को सोमवार को निलंबित कर दिया गया और यह बात सामने आयी कि उन्होंने तीन आतंकवादियों को बादामी बाग छावनी इलाके में सेना की 16वीं कोर के मुख्यालय के पास अपने आवास पर आश्रय दिया था। सिंह के साथ ही उन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया।

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी देवेंद्र सिंह को सोमवार को निलंबित कर दिया गया और यह बात सामने आयी कि उन्होंने तीन आतंकवादियों को बादामी बाग छावनी इलाके में सेना की 16वीं कोर के मुख्यालय के पास अपने आवास पर आश्रय दिया था। सिंह के साथ ही उन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। करीब चार महीने पहले ही सिंह को राष्ट्रपति के पुलिस पदक से अलंकृत किया गया था। 

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उन्होंने बताया कि पुलिस और खुफिया अधिकारियों की एक टीम ने सिंह से पूछताछ जारी रखी। श्रीनगर हवाईअड्डा पर स्थित उनके कार्यालय को सील कर दिया गया है। सिंह को विमान अपहरण विरोधी दस्ते में पुलिस उपाधीक्षक पद पर नियुक्त किया गया था। घटनाओं की कड़ियों को जोड़ते हुए अधिकारियों ने कहा कि इरफान नामक एक वकील प्रतिबंधित हिजबुल मुजाहिदीन के स्वयंभू जिला कमांडर नावीद बाबा और अल्ताफ को शुक्रवार को अधिकारी के घर ले कर गया था। पुलिस के अनुसार इरफान आतंकी समूहों के लिए काम करता था।

उन्होंने बताया कि सिंह शनिवार को ड्यूटी से अनुपस्थित थे। पुलिसकर्मियों की एक टीम ने उसी दिन उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग पर मीर बाजार में अन्य तीन के साथ गिरफ्तार किया था। सिंह ने रविवार से गुरुवार तक छुट्टी के लिए आवेदन किया था। पुलिस ने यहां उनके आवास की तलाशी ली थी और भारी मात्रा में गोला-बारूद के साथ दो पिस्तौल और एक एके राइफल जब्त की थी। अधिकारियों ने बताया कि सिंह के नाम को पुलिस अधीक्षक के पद पर पदोन्नत करने के लिए मंजूरी दे दी गई थी और अब उनके वीरता पदक खोने के भी आसार हैं जो उन्हें पिछले साल प्रदान किया गया था।

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अधिकारियों ने सेवा नियमों का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस हिरासत में 48 घंटे रहने के बाद सिंह को निलंबित माना जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि रविवार शाम श्रीनगर हवाई अड्डे पर उनके कार्यालय को सील कर दिया गया ताकि किसी भी सबूत के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सके। सिंह को राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक नाके पर पुलिसकर्मियों की एक टीम ने गिरफ्तार किया था। टीम खुफिया सूचनाओं के बाद सतर्क थी कि नावीद बाबा को घाटी से बाहर ले जाया जा रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि गड़बड़ी कर फंस जाने के बाद सिंह के सभी बहाने उन पुलिस अधिकारियों को समझाने में विफल रहे जिन्होंने उनकी गिरफ्तारी की और श्रीनगर में उनके आवास की तलाशी ली। शुरूआत में उन्होंने लगातार दावा किया कि वह  बड़े आतंकवादी’ को पकड़ने के लिए आतंकवादियों का विश्वास जीतने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन उचित प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने के कारण वह अपनी बात प्रमाणित नहीं कर सके। सिंह की गिरफ्तारी से जम्मू कश्मीर पुलिस की छवि पर असर हो सकता है, लेकिन पूर्व पुलिस महानिदेशक कुलदीप खोड़ा ने अपने वरिष्ठ अधिकारी को गिरफ्तार करने में एक बार भी संकोच नहीं करने के लिए पुलिस बल की सराहना की।

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खोड़ा ने कहा कि प्रदेश पुलिस ने अपने ही अधिकारी को पकड़ा है। उन्होंने जाल बिछाया जैसा अन्य आतंकवादियों के लिए बिछाते हैं और उन्हें गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की। ​​कोई भी पुलिस बल पर संदेह नहीं कर सकता है जो घाटी में पिछले 30 वर्षों के आतंकवाद के दौरान राष्ट्र की सेवा करता रहा है। एक अन्य पूर्व पुलिस प्रमुख ए के सूरी ने कहा कि हालांकि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि अपराधी को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने कहा कि यह एकमात्र मामला नहीं है। विगत में भी कुछ पुलिसकर्मी संदेह के घेरे में थे और उन्हें गिरफ्तार किया गया था। पुलिस उप महानिरीक्षक (दक्षिण कश्मीर) अतुल गोयल ने पूरे अभियान की निगरानी की और वह खुद ही वाहन को पकड़ने के लिए एक चौराहे पर खड़े थे। यह पहला मौका नहीं है जब सिंह गलत कारणों से सुर्खियों में रहे हैं। संसद हमले के दोषी अफजल गुरु द्वारा 2013 में लिखे एक पत्र में सिंह पर कई आरोप लगाए गए थे। हालांकि, आरोपों की जांच की गई और सबूत के साथ उसकी पुष्टि नहीं हुयी।

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