जब जेपी पर हुआ हमला और नानाजी ने मृत्युदंड के रूप में आए प्रहार को खुद पर झेल बचाई लोकनायक की जान, गंवाई अपने हाथों की हड्डियां
संपूर्ण क्रांति के आंदोलन के वक्त जब पटना में इंदिरा सरकार के विरोध में प्रदर्शन हो रहा था तो सभी को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागने के साथ ही लाठी चार्ज भी कर दिया था। जब पुलिस ने जेपी और उनके कार्यकर्ताओं पर लाठी बरसानी शुरू की तो उन्हें बचाने के लिए नानाजी ने अपने हाथों को आगे कर दिया।
बीजेपी के पितृपुरूष जिन्होंने अपने राजनीति के शीर्ष पर रहते हुए 60 बरस की उम्र में राजनीति से सन्यांस ले लिया और वापस पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। लेकिन ऐसा नहीं है कि उन्होंने राजनीति से सन्यांस ले लिया तो समाज से किनारा कर लिया। समाज के लिए लगातार काम करते रहे और लगभग संत सी हैसियत पाकर दुनिया को अलविदा कहा। चंडिका दास अमृत राव देशमुख उर्फ नाना जी देशमुख एक अमृत के झरने के समान रहे, जीवन ब्रह्मचारी, 50000 से अधिक विद्यालयों की स्थापना और 500 से अधिक गांवों का विकास किया। सत्ता लोलुपता की दौर में जहां नेता अपनी कुर्सी से चिपके रहते हैं वहीं मोरारजी देसाई की सरकार में मंत्री पद ठुकरा कर एक ऋषि की भांति पूरा जीवन जन सेवा में लगाने लगाया।
जब जेपी को बचाने के लिए नानाजी ने तुड़वाई अपनी हाथों की हड्डियां
संघ के स्वयंसेवक के रूप में अपना जीवन गुजारने वाले नानाजी देशमुख का जेपी आंदोलन से भी गहरा नाता रहा है। संपूर्ण क्रांति के दौर में उनकी एंट्री पर भी बिहार में रोक थी। लेकिन तमाम अवरोधों को धता बताते हुए वो एक पोस्टमैन का वेष धारण कर रटना पहुंच गए थे और आंदोलन में शामिल हुए थे। नानाजी की पुरानी बातों का उल्लेख करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि जेपी और नानाजी ने अपने जीवनकाल में देश के संकल्प के लिए स्वयं को सौंप दिया। इन दोनों के जीवन का पल-पल मातृभूमि के लिए, देशवासियों के कल्याण के लिए था और आजीवन इसमें जुटे रहे। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन तीव्रता पर पहुंचा ऐसे समय में जयप्रकाश जी लोहिया जी जैसे युवाओं ने आगे आकर आंदोलन की डोर संभाली। उस कालखंड में वे लोग प्रेरणा का स्त्रोत बन गए।
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क्या था पूरा मामला
संपूर्ण क्रांति के आंदोलन के वक्त जब पटना में इंदिरा सरकार के विरोध में प्रदर्शन हो रहा था तो सभी को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागने के साथ ही लाठी चार्ज भी कर दिया था। जब पुलिस ने जेपी और उनके कार्यकर्ताओं पर लाठी बरसानी शुरू की तो उन्हें बचाने के लिए नानाजी ने अपने हाथों को आगे कर दिया। जिसमें नानाजी की हाथों की हड्डियां टूट गई। इस घटना के बाद जय प्रकाश नारायण ने कहा था कि अगर उस वक्त नानाजी देशमुख और हैदर अली मेरी सुरक्षा में नहीं होते तो मैं मर गया होता।
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि देते हुए ट्विट किया। उन्होंने लिखा कि महान दूरदर्शी, भारत रत्न नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर प्रणाम। उन्होंने हमारे गांवों के विकास और मेहनती किसानों को सशक्त बनाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। पीएम मोदी ने इसके साथ ही नानाजी की जन्मशती के अवसर पर 2017 में दिए गए भाषण को साझा किया।
Pranams to the great visionary, Bharat Ratna Nanaji Deshmukh on his Jayanti. He dedicated himself towards the development of our villages and empowering the industrious farmers. Sharing a speech I had delivered in 2017 to mark Nanaji’s birth centenary. https://t.co/KeWUhBvnPt pic.twitter.com/jVkaRo4e9F
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2021
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