अपना धरना-प्रदर्शन रोक रहे हैं... जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने किया ऐलान, बताया क्यों लिया ये फैसला
पिछले 10 दिन से पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के पास धरना दे रहे चिकित्सक अपना आंदोलन खत्म करने के मौके पर धरना स्थल से सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक मार्च निकालेंगे और इस घटना की जल्द से जल्द जांच पूरी करने की मांग करेंगे। चिकित्सकों ने प्रशिक्षु महिला चिकित्सक की क्रूरतापूर्वक हत्या की घटना की याद में शुक्रवार से राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अभया चिकित्सा शिविर स्थापित करने की भी घोषणा की है।
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने कोलकाता में सीबीआई कार्यालय के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति के कारण हम अपना धरना-प्रदर्शन रोक रहे हैं। हम कल से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेवा करेंगे, लेकिन हमारा विरोध-प्रदर्शन नहीं रुकेगा। हम सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में इसे जारी रखेंगे। हम अगली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक देखेंगे। अगर हमें न्याय नहीं मिला, तो हम फिर से अपना विरोध-प्रदर्शन शुरू करेंगे। इससे पहले डॉक्टरों ने साल्ट लेक स्थित केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के कार्यालय तक मार्च निकालने की बात कही थी। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा अधिकतर मांगें मान लिए जाने के बाद 41 दिन से प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों ने घोषणा की थी कि वे शनिवार से अपना आंदोलन आंशिक रूप से खत्म करके राज्य द्वारा संचालित अस्पतालों में आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं में लौटेंगे।
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पिछले 10 दिन से पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के पास धरना दे रहे चिकित्सक अपना आंदोलन खत्म करने के मौके पर धरना स्थल से सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक मार्च निकालेंगे और इस घटना की जल्द से जल्द जांच पूरी करने की मांग करेंगे। चिकित्सकों ने प्रशिक्षु महिला चिकित्सक की क्रूरतापूर्वक हत्या की घटना की याद में शुक्रवार से राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अभया चिकित्सा शिविर स्थापित करने की भी घोषणा की है।
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा कि राज्य सरकार दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के साथ सभी समझौतों को रद्द कर देगी क्योंकि निगम द्वारा एक तरफा ढंग से पानी छोड़ने के परिणामस्वरूप दक्षिण बंगाल के जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
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