हार्दिक के दंगा मामले की सुनवाई से न्यायाधीश ने खुद को अलग किया

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मेहसाणा जिले के विसनगर की अदालत द्वारा दोषी ठहराये जाने की वजह से हार्दिक पटेलउच्चतम न्यायालय की एक व्यवस्था के आलोक में चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं।

अहमदाबाद। गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने बुधवार को पाटीदार समुदाय के नेता हार्दिक पटेल की उस अर्जी पर सुनवायी से स्वयं को अलग कर लिया जिसमें उन्होंने 2015 के दंगा मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की है। 25 वर्षीय पटेल मंगलवार को गांधीनगर में आयोजित कांग्रेस की रैली में पार्टी में शामिल हुए थे और उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी। न्यायमूर्ति आर पी धोलारिया ने स्वयं को सुनवायी से अलग करते हुए कहा, ‘‘मेरे समक्ष नहीं।’’

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गत वर्ष जुलाई में एक सत्र अदालत ने पटेल को 2015 में विसनगर में दंगा और आगजनी के लिए दो वर्ष की सजा सुनायी थी जब पाटीदार आरक्षण आंदोलन राज्य में गति पकड़ रहा था। मेहसाणा जिले के विसनगर की अदालत द्वारा दोषी ठहराये जाने की वजह से हार्दिक पटेलउच्चतम न्यायालय की एक व्यवस्था के आलोक में चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं। हार्दिक पटेल ने अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुये उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने यद्यपि गत वर्ष अगस्त में पटेल को जमानत प्रदान करने के साथ ही उनकी दो वर्ष की सजा निलंबित कर दी थी लेकिन उसने उनकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगायी थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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