के. चंद्रशेखर राव ने खेला बड़ा दांव- 9 महीने पहले तेलंगाना विधानसभा भंग कर दी

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तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने आज बड़ा फैसला लेते हुए राज्य विधानसभा के चुनाव जल्द कराये जाने का दांव खेला है। तेलंगाना का गठन 2014 में हुआ था और राज्य में विधानसभा के चुनाव अगले वर्ष लोकसभा चुनावों के साथ होने प्रस्तावित थे।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने आज बड़ा फैसला लेते हुए राज्य विधानसभा के चुनाव जल्द कराये जाने का दांव खेला है। तेलंगाना का गठन 2014 में हुआ था और राज्य में विधानसभा के चुनाव अगले वर्ष लोकसभा चुनावों के साथ होने प्रस्तावित थे। लेकिन चंद्रशेखर राव ने जल्द चुनावों का सामना करने का निर्णय लिया क्योंकि उन्हें लग रहा है कि राज्य में माहौल अभी उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति के पक्ष में है।

चंद्रशेखर राव अपने लिए 6 अंक को शुभ मानते हैं इसलिए 9 महीने पहले विधानसभा भंग करने का फैसला करने के लिए उन्होंने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। बैठक में राज्य विधानसभा भंग करने का फैसला आम सहमति से किया गया और राज्यपाल से इसकी सिफारिश की गयी। राज भवन से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने विधानसभा भंग करने की तेलंगाना मंत्रिमंडल की सिफारिश स्वीकार कर ली है। हालांकि राज्यपाल ने केसी राव को राज्य का कामचलाउ मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है, जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जता दी है।

उल्लेखनीय है कि राज्य विधानसभा में 119 सीटें हैं जिसमें टीआरएस के पास 63 सीटें हैं और कांग्रेस के पास 13 सीटें हैं। चंद्रशेखर राव पिछले सप्ताह भर से जिस तरह हर समुदाय के लिए कुछ ना कुछ राहत वाली घोषणा कर रहे थे उससे साफ लग रहा था कि वह चुनाव जल्द चाहते हैं। अब आज राज्य कैबिनेट के फैसले के बाद तेलंगाना में विधानसभा के चुनाव नवंबर में चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ कराये जाने के आसार हैं।

चंद्रशेखर राव भाजपा के करीब आजकल दिख रहे हैं लेकिन इस बात को खुल कर नहीं कह रहे। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों में टीआरएस ने राजग उम्मीदवार का समर्थन किया था और हाल ही में लोकसभा में विश्वास मत के दौरान सदन से बहिर्गमन कर भाजपा की राह आसान की थी।

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