कैलाश सत्यार्थी ने प्रधानमंत्री से बाल तस्करी रोकने के लिए मंत्रालयी कार्यबल के गठन की मांग की

Kailash Satyarthi

सत्यार्थी ने यह मांग भी की कि लॉकडाउन खुलने के बाद बच्चों को उनके घरों में सुरक्षित पहुंचाने और उस दौरान उनकी सुरक्षा, भोजन और चिकित्सा का प्रबंध सरकार करे।

नयी दिल्ली। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के खुलने के बाद बच्चों की तस्करी बढ़ने की आशंका के मद्देनजर संबंधित मंत्रालयों का एक कार्यबल गठित किया जाए ताकि ऐसी किसी भी गतिविधि पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने पत्र में यह भी कहा कि विभिन्न स्थानों पर फंसे बाल मजदूरों को उनके कार्यस्थल से मुक्त कराने और उन्हें उनके घर भेजने का भी प्रबंध किया जाए। सत्यार्थी ने कहा, ‘‘मेरे पास देश के कई हिस्सों से ऐसी सूचनाएं आई हैं कि लॉकडाउन में छोटे-छोटे कारखानों के बंद हो जाने से हजारों बाल मजदूर वहीं फंस गए हैं। पहले भी उन्हें पूरी मजदूरी नहीं दी जाती थी, अब तो उनके खाने तक के लाले पड़ गए हैं।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, ‘‘एक विशेष अधिसूचना जारी कर सभी नियोजकों को अगले तीन महीने के लिए यह छूट दे दी जाए कि यदि वे संबंधित अधिकारियों को सूचित कर अपने यहां कार्यरत बाल मजदूरों को स्वेच्छा से मुक्त कर देते हैं तो उन पर कोई दंडात्मक कार्यवाही नहीं की जाएगी।’’ 

इसे भी पढ़ें: हर जरूरतमंद तक पहुंचने के लिए पंचायती ढांचे की है अहम भूमिका: राहुल गांधी

सत्यार्थी ने यह मांग भी की कि लॉकडाउन खुलने के बाद बच्चों को उनके घरों में सुरक्षित पहुंचाने और उस दौरान उनकी सुरक्षा, भोजन और चिकित्सा का प्रबंध सरकार करे। आवश्यकता हो तो स्थानीय सामाजिक संगठनों की मदद ली जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा अंदेशा है कि लॉकडाउन खुलने के बाद बच्चों की तस्करी की घटनाएं बढ़ेंगी। इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए संबंधित मंत्रालयों का एक कार्यबल बनाया जाए, जो एक ठोस कार्ययोजना बनाकर उसे लागू कराए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़