कैलाश सत्यार्थी ने प्रधानमंत्री से बाल तस्करी रोकने के लिए मंत्रालयी कार्यबल के गठन की मांग की
सत्यार्थी ने यह मांग भी की कि लॉकडाउन खुलने के बाद बच्चों को उनके घरों में सुरक्षित पहुंचाने और उस दौरान उनकी सुरक्षा, भोजन और चिकित्सा का प्रबंध सरकार करे।
सत्यार्थी ने कहा, ‘‘मेरे पास देश के कई हिस्सों से ऐसी सूचनाएं आई हैं कि लॉकडाउन में छोटे-छोटे कारखानों के बंद हो जाने से हजारों बाल मजदूर वहीं फंस गए हैं। पहले भी उन्हें पूरी मजदूरी नहीं दी जाती थी, अब तो उनके खाने तक के लाले पड़ गए हैं।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, ‘‘एक विशेष अधिसूचना जारी कर सभी नियोजकों को अगले तीन महीने के लिए यह छूट दे दी जाए कि यदि वे संबंधित अधिकारियों को सूचित कर अपने यहां कार्यरत बाल मजदूरों को स्वेच्छा से मुक्त कर देते हैं तो उन पर कोई दंडात्मक कार्यवाही नहीं की जाएगी।’’कल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री,वरिष्ठ अधिकारियों और चिकित्सा व समाज सेवा से जुड़े महानुभावों के साथ ई-बैठक में हिस्सा लिया।भाई शिवराज जी और उनकी टीम द्वारा किये जा रहे चिकित्सकीय, राहत और प्रशासनिक कार्यों के लिए साधुवाद! @ChouhanShivraj @OfficeofSSC
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) April 24, 2020
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सत्यार्थी ने यह मांग भी की कि लॉकडाउन खुलने के बाद बच्चों को उनके घरों में सुरक्षित पहुंचाने और उस दौरान उनकी सुरक्षा, भोजन और चिकित्सा का प्रबंध सरकार करे। आवश्यकता हो तो स्थानीय सामाजिक संगठनों की मदद ली जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा अंदेशा है कि लॉकडाउन खुलने के बाद बच्चों की तस्करी की घटनाएं बढ़ेंगी। इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए संबंधित मंत्रालयों का एक कार्यबल बनाया जाए, जो एक ठोस कार्ययोजना बनाकर उसे लागू कराए।
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