मध्यप्रदेश की सरकार हम कभी भी गिरा सकते हैंः कैलाश विजयवर्गीय

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दिनेश शुक्ल । Jun 12 2019 12:51PM

मध्यप्रदेश में जनता द्वारा निर्वाचित काँग्रेस सरकार को गिराने को लेकर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान के बाद राजनीतिक भूचाल सा आ गया है। पिछले छह माह में राजनीतिक हलकों में कमलनाथ सरकार गिरने को लेकर सुगबुगाहट तेज है लेकिन कैलाश विजयवर्गीय के बयान ने हवन में धी डालने जैसा काम किया है।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया है कि मध्यप्रदेश की काँग्रेस सरकार कभी भी गिरा सकते है। मंगलवार को मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी के रूप में पहचा रखने वाले इंदौर में आयोजित किसान आक्रोश रैली के दौरान उन्होनें यह बात कही। विजयवर्गीय ने दावा किया कि प्रदेश काँग्रेस के सरकार को गिराने के लिए दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुरेश पचौरी के लोग मेरे पास आते है।

कैलाश विजयवर्गीय ने किसान आक्रोश रैली के माध्यम से मंगलवार को अपनी ताकत दिखाने अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन किया। इस दौरान विजयवर्गीय के समर्थकों ने नारेबाजी भी की। प्रदेश की कमलनाथ शासित काँग्रेस सरकार द्वारा किसान कर्जमाफी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए सैकड़ों ट्रेक्टरों के साथ किसान आक्रोश रैली निकाली। इस दौरान विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह कमलनाथ के 99 पाप अभी माफ कर रहे है, जैसे कृष्ण ने जरासंध के किए थे नहीं तो प्रदेश की सरकार हम कभी भी गिरा सकते है।

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यह पहला मौका नहीं है जब भाजपा महासचिन ने प्रदेश की काँग्रेस सरकार गिराने को लेकर बयान दिया हो, इससे पहले भी विधानसभा में काँग्रेस की सरकार बनने के बाद  इंदौर में बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि जिस दिन बॉस का इशारा मिल जाएगा, हम एक सप्ताह में सरकार गिरा देगें। उनके इस बयान को लेकर उस समय काफी हंगाम मचा था। वही मंगलवार को एक बार फिर अपनी बात को दोहराते हुए बीजेपी महासचिव ने यह बात कही है।

कैलाश विजयवर्गीय नहीं रूके उन्होनें मुख्यमंत्री कमलनाथ को नागनाथ और सांफनाथ की उपमा देते हुए कहा कि कमलनाथ ने अपनो को ही डस लिया इसलिए काँग्रेस पार्टी के कई आला नेता उनसे नाराज है। उन्होनें कहा कि कमलनाथ ने अपने बेटे नकुलनाथ के राजनीतिक जमीन बनाने के लिए ऐसा किया। इस आरोप के पक्ष में उन्होनें तर्क देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी की आंधी में दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और माया-अखिलेश से लेकर राहुल गांधी तक उड़ गए लेकिन जीते तो सिर्फ नकुलनाथ।

वही कैलाश विजयवर्गीय के बयान के बाद काँग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री जीतू पटावारी ने कहा कि ताज्जुब है कि शहर के हिस्ट्रीशीटरों के साथ कभी जिनके फोटो लगे थे, वे अब किसानों के हित की बात करते है। जीतू पटवारी ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय नाग नाथ सांप नाथ जैसे शब्दों का प्रयोग कर रहे है, उनकी उम्र जितनी बढती जा रही है शब्द उतने ही ओछे होते जा रहे है। पटवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि कैलाश जी आप अपनी सरकार की चिंता करे और भाषा पर संयम रखे। जीतू पटवारी ने कैलाश विजयवर्गीय के 99 पाप वाली बात पर कहा कि 100 पाप तो भाजपा और उसके नेताओं ने किए तभी तो सरकार से बारह हुए है। उन पापों की जाँच होगी और कितने भी नेता हो सबके पाप सामने आएगें। काँग्रेस तो भाजपा की इसी सोच और विचारधारा के खिलाफ लड़ रही है। केवल राजनीतिक रोटियां सेकना भाजपा की आदत है। जिस तरह के शब्दों का प्रयोग भाजपा करती है ये लोकतंत्र के लिए खतरा है।

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कुल मिलाकर मध्यप्रदेश में जनता द्वारा निर्वाचित काँग्रेस सरकार को गिराने को लेकर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान के बाद राजनीतिक भूचाल सा आ गया है। पिछले छह माह में राजनीतिक हलकों में कमलनाथ सरकार गिरने को लेकर सुगबुगाहट तेज है लेकिन कैलाश विजयवर्गीय के बयान ने हवन में धी डालने जैसा काम किया है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में काँग्रेस को 230 में से 114, भाजपा को 109, बीएसपी को 02 और सपा को 01 सीट मिली थी साथ ही 04 निर्दलीय भी सदन में चुनकर जनता ने भेजे थे। जिसमें से बसपा सपा के तीन विधायकों सहित निर्दलीय विधायकों ने काँग्रेस का समर्थन किया था। वही लोकसभा चुनाव में रतलाम विधानसभा सीट से विधायक जीएस डामोर को बीजेपी ने झाबुआ रतलाम सीट से लोकसभा प्रत्याशी बनाया था जो जीत गए है और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की बात कही है। जिसके बाद काँग्रेस के पक्ष में  जहां 120 विधायक है तो भाजपा के 108 विधायक ही मध्यप्रदेश विधानसभा में रह जाएगें। वही बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बयान ने काँग्रेस पार्टी में अंदरूनी तौर पर चल रही छत्रपों की लड़ाई को एक बार फिर उजागर किया है।

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