चुनाव आयोग पर झूठा आरोप लगाने वाले कमलनाथ-पायलट को झटका, अर्जी खारिज
इससे पहले इस मामले में निर्वाचन आयोग ने दावा किया था कि दस्तावेजों में हेराफेरी करके आयोग की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। शीर्ष अदालत ने कमलनाथ और सचिन पायलट की इन याचिकाओं पर 23 अगस्त को निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा था।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और सचिन पायलट की ओर से दायर दो अलग-अलग याचिकाओं को खारिज कर दिया जिसमें चुनाव वाले राज्य मध्य प्रदेश और राजस्थान में मतदाता सूची का मसौदा टेक्स्ट फॉर्मेट में उपलब्ध कराने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी। मध्य प्रदेश में 28 नवंबर और राजस्थान में सात दिसंबर को विधानसभा चुनाव होना है।
न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की एक पीठ ने कहा, ‘‘हम इन याचिकाओं को खारिज करते हैं।’’ इन नेताओं ने अपनी याचिका में मतदाता सूची में कथित तौर पर मतदाताओं का नाम दो बार शामिल होने और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए शिकायतों का उचित समाधान करने की मांग की थी। उच्चतम न्यायालय ने आठ अक्टूबर को इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इससे पहले इस मामले में निर्वाचन आयोग ने दावा किया था कि दस्तावेजों में हेराफेरी करके आयोग की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। शीर्ष अदालत ने कमलनाथ और सचिन पायलट की इन याचिकाओं पर 23 अगस्त को निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा था।
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